आरोप : कूड़े के ढेर में करोड़ों का खेल, उस धर्मकांटे पर तुला कूड़ा जो काशीपुर में है ही नहीं, देखें वीडियो

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दीपक बाली ने आज रामनगर रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता आयोजित कर विधायक की शह पर नगर निगम की मेयर पर कूड़े के ढेर में करोड़ों के खेल करने के आरोप लगाये हैं।

दीपक बाली ने बताया कि नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल का पत्र लिखा है। राज्यपाल को लिखे पत्र में आप नेता दीपक बाली ने नगर निगम की मेयर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 1 अप्रैल 2019 को 3 वर्ष के लिए कूड़ा निस्तारण का ठेका 2500 रुपये प्रति टन की दर पर दिया गया था। जिसे 17 महीने बाद 31 अगस्त 2020 को रद्द कर दिया गया। इन 17 महीनों में प्रतिमाह कूड़ा निस्तारण का खर्च 42 लाख रुपये से लेकर 69 लाख रुपये तक आया। अर्थात औसतन 48 लाख रुपये प्रतिमाह का खर्च आया।

जबकि 7 अप्रैल 2021 को जो नया ठेका दिया गया वह मात्र 26 लाख 50 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से हुआ। जोकि पूर्व में हुए ठेके से 21 लाख रुपये प्रतिमाह कम है। बाली ने कहा कि यह जांच का विषय है कि 17 महीने बाद वाहनों का पेट्रोल/डीजल सस्ता हुआ या फिर लेबर सस्ती हुई जो ठेके में प्रतिमाह 21 लाख रुपये की कमी आ गई। या फिर शहर से कुड़ा निकला ही कम हो गया।

बाली ने कहा कि नियमानुसार 25 लाख रुपये से ऊपर के कार्य के लिए ई-टेंडरिंग के माध्यम से ठेका दिया जाना चाहिए था। लेकिन निगम ने नियमों की अनदेखी करते हुए दो संस्थाओं को ही शामिल मानकर ठेका दे दिया।

बाली ने आरोप लगाया कि 1 अप्रैल 2019 से 31 अगस्त 2020 तक कूड़ा तौल की रसीदें जिस धर्मकांटे (शुभदर्शन धर्मकांटा) की लगाई गई हैं। वह धर्मकांटा काशीपुर में कहीं है ही नहीं। उन्होंने बताया वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान काशीपुर से जानकारी मिली है कि काशीपुर में शुभदर्शन धर्मकांटा विभाग की जानकारी में नहीं है और न ही इस नाम से कोई पंजीकरण है। वहीं जब ठेकेदार ने अपना पहला बिल निगम में पेश किया तो उसने बताया कि उक्त महीने के कूड़े की तौल मानपुर रोड स्थित आरके फ्लोर मिल के कांटे से कराई है। लेकिन उसने रसीदें शुभदर्शन धर्मकांटे की लगाई हुई हैं।

वहीं शुभदर्शन धर्मकांटे की रसीद पर न तो उसका पूरा पता लिखा है। न ही वह माप तौल विभाग में पंजीकृत है और न ही उसका कोई जीएसटी नं. रसीद पर छपा है। साथ ही किसी भी रसीद पर वाहन सं. का जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मापतौल विभाग के नियमानुसार पर्ची में वाहन का नं. लिखा जाना आवश्यक है। बाली ने पूछा है कि बिना वाहन सं. के कैसे कोई जांच कर सकता है कि कूड़ा तौल की जिस रसीद पर तौल का वजन लिखा है उस समय कौन सा वाहन वहां तुल रहा था। बाली ने 17 महीने के ठेके के दौरान नये ठेके के अनुसार लगभग 4.5 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगाये हैं।

दीपक बाली ने आरोप लगाया कि इस काम को अंजाम देने के लिए स्वास्थ्य निरीक्षक से चार्ज लेकर एक अन्य कर्मचारी को सौंप कर यह अनुबंध किया गया वह आशंकाओं से घिरा है।

दीपक बाली ने भाजपा विधायक पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि ये सारा खेल उन्हीं की शह पर हो रहा था क्योंकि विधायक बोर्ड की मीटिंग में लगातार शामिल होते रहे हैं।

दीपक बाली ने राज्यपाल से मेयर व अन्य दोषियों के खिलाफ एसआईटी जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाने की मांग की है।

उधर, दीपक बाली ने बताया कि निगम द्वारा जब पुराने ठेके को निरस्त कर कम पैसों में नया ठेका दिया गया। तब तक उन्हें राजनीति में कदम रखे हुए 4-5 महीने हो चुके थे और वे निगम के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे। जिस कारण निगम द्वारा जो नया ठेका दिया गया वह पहले वाले ठेके से 21 लाख रुपये कम में हुआ। जिससे जनता के अब तक लगभग दो करोड़ रुपये बच गये।

 

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