अयोध्या (महानाद) : 500 साल बाद रामलला 21 किलो चांदी से बने झूले में झूलेंगे।
बता दें कि अयोध्या में सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (11 अगस्त 2021) से झूला मेला की शुरुआत हो चुकी है। हांलाकि कोरोना हामारी के चलते श्रद्धालुओं के अयोध्या आने पर प्रतिबंध है। लेकिन 500 साल बाद इस बार रामलला 21 किलो चांदी से बने झूले में विराजमान होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय तथा सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने झूले की आरती तथा पूजा करने के पश्चात उसे रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को सौंप दिया। इस भव्य झूले में रामलला को झुलाने के लिए डोरी भी चांदी की लगी है। आगामी 13 अगस्त को नागपंचमी से रामलला के साथ लखनलाल, भरत और शत्रुघ्न इस झूले पर झूलेंगे। झूले पर रामलला एक और छोटे तथा सबसे ऊंचे सिंहासन पर विराजमान होंगे। मंदिरों में भगवान को झूलन पर रक्षाबंधन पर्व तक झुलाया जाएगा, गीत सुनाए जाएंगे।
बता दें कि कोरोना के चलते इस बार सावन मेले में श्रद्धालुओं को आने की मनाही है। प्रशासन ने अयोध्या से लगी अंबेडकरनगर, बस्ती तथा बाराबंकी से जुड़ी सीमाओं को सील कर दिया है। जो श्रद्धालु अयोध्या में पहले से ठहरे हुए हैं, उनसे प्रशासन ने मुनादी कर अपील की है कि वे तुरंत अयोध्या छोड़कर वापस चले जायें।
वहीं, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अयोध्या न आएं। उधर, स्थानीय लोगों को पहचान पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश मिलेगा।