अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : भारतीय संस्कृति में नारी का है पूजनीय स्थान – शैलेन्द्र मिश्रा एडवोकेट

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा जगदीश प्रेरणा भवन, मौहल्ला सिंघान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय था महिलाओं का विश्व में योगदान।

गोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने किया। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विश्व की जननी नारी को भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता है। नारी की पूजा जहां होती है वहां देवता निवास करते हैं। हमारे समाज में अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक महिला एक अहम भूमिका निभाती है। एक नारी पत्नी, बहन, बेटी, दोस्त व मां बन कर सारे रिश्ते निभाती है।

उन्होंने बताया कि 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता प्राप्त हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। 2014 तक यह 100 से अधिक देशों में मनाया जाने लगा। महिला दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान व उनको बराबरी का दर्जा दिलाया जाना है। मेरी दृष्टि में समाज कि हर वह नारी जो रसोई की ज्वाला में जीवन यज्ञ को समर्पित करती है। साथ ही अपने दायित्व को समाज व परिवार के प्रति समर्पित करती है और राष्ट्र निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग करती है ऐसी नारी को शत-शत नमन है और आज आर्थिक स्वतंत्रता भी निश्चित रूप से नारी सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है।

मिश्रा ने कहा कि हमें आज संकल्प लेना चाहिए कि जिस नारी ने विश्व की संरचना की है उसके सशक्तिकरण के लिए कार्य करें और विश्व में मानवीय मूल्यों को प्रज्ज्वलित कर नारी सशक्तिकरण के लिए कार्य करें। समिति द्वारा कई वर्षों से महिलाओं को विधिक ज्ञान दिया जा रहा है।

इस मौके पर भास्कर त्यागी एडवोकेट, शालिनी मिश्रा एडवोकेट, सीमा शर्मा एडवोकेट, प्रीति शर्मा एडवोकेट, मुमताज, जया मिश्रा, सैयद आसिफ अली, अमृत पाल, जहांगीर आलम आदि लोग उपस्थित थे।

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