बिग ब्रेकिंग : काशीपुर निवासी कांस्टेबल चोरों के साथ देहरादून में गिरफ्तार

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देहरादून (महानाद) : डोईवाला पुलिस ने चोरी के एक मामले का खुलासा करते हुए काशीपुर निवासी एक कांस्टेबल सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि उक्त सिपाही चोरों को पुलिस की मूवमेंट की जानकारी देने के बदले मोटी रकम वसूलता था।

बता दें कि गत दिवस बिरला पावर सेलियान्स, माजरी ग्रान्ट, डोईवाला निवासी चन्द्रभान सिंह पाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि लालतप्पड़ स्थित बंद पड़ी बिरला पावर सेलियान्स (बिरला यामाहा) में चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जिसमें लोहा और मशीनों की चोरी हो रही हैं। फैक्ट्री में कोई सिक्योरिटी गार्ड और केयर टेकर न होने के कारण कल रात भी कम्पनी में चोरी हुई है।

चन्द्रभान की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की। एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के निर्देश पर डोईवाला थाने में पुलिस की टीमें गठित की गयी। टीमों द्वारा आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो को खंगाला गया तथा साथ ही मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया। जिसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर चोरी की घटना में संलिप्त तीन आरोपियों मौहम्मद इरशाद उर्फ शीशी पुत्र मौ. इलियास निवासी दूधली, किरतपुर, जिला बिजनौर, मुकम्मिल पुत्र सगीर निवासी मुस्लिम बस्ती, भानियावाला, डोईवाला तथा भोला उर्फ नाटू पुत्र सुरेश निवासी परशुराम चौक, गोविन्दनगर झुग्गी झोपड़ी, ऋषिकेश को एक छोटे हाथी वाहन में मय माल लोहे के बड़े छह फिट के गार्टर-05, बड़े-छोटेे एंगल-34 अदद के साथ माजरी ग्रान्ट, लालतप्पड़ से गिरफ्तार किया।

पुलिस द्वारा पूछताछ में मुख्य अभियुक्त इरशाद ने बताया कि उसकी और मुकम्मिल की भानियावाला में कबाड़ी की दुकान है, जहां वे दोनों मिलकर पिछले 7 वर्षों से कबाड़ी का काम कर रहे हैं। उनका तीसरा साथी भोला गाड़ी चलाने का काम करता है, जो अक्सर हमारी दुकान से कबाड़ का माल लेकर जाता था। एक साल पहले उनकी मुलाकात केशवपुरी बस्ती निवासी आशीष और अर्जुन से हुई, जो हमारी दुकान में अक्सर लोहे का सामान बेचने आते थे। उन्होंनें हमे बताया कि लालतप्पड़ स्थित बिरला यामाहा फैक्ट्री काफी लम्बे समय से बन्द पड़ी है, जिसके अन्दर लोहे के बड़े-बड़े गार्टर और एंगल पड़े हैं, जिन्हें हम आसानी से चुराकर बेच सकते हैं। इसके बाद हमने योजना बनाई और इस योजना में मुकम्मिल के अलावा आशीष, अर्जुन तथा भोला को भी शामिल किया।

इरशाद ने बताया कि योजना के मुताबिक उसने एक गैस कटर की व्यवस्था की तथा मुकम्मिल, आशीष और अर्जुन के साथ फैक्ट्री में जाकर सामान चोरी कर, भोला की गाड़ी में भरकर अपने यहां से बेचने का काम करते हैं। पिछले एक वर्ष से अब तक ये लोग उक्त बन्द पड़ी फैक्ट्री के अन्दर गैस कटर की सहायता से गार्टर तथा एंगलो को काटकर उनके छोटे-छोटे टुकडे बनाकर चोरी के माल को ऋषिकेश व अन्य क्षेत्रों में ले जाकर बेच रहे थे।

इरशाद ने बताया कि पूर्व में एक बार लालतप्पड चौकी में तैनात सिपाही स्वप्निल ऋषि ने उन्हें चोरी के माल के साथ पकड़ लिया था, लेकिन मौके पर हमारे द्वारा उसे कुछ हिस्सा देने पर उसने हमें मौके पर ही छोड दिया। इसके बाद से स्वप्निल लगातार इन चोरों के सम्पर्क में था तथा चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के दौरान वह पुलिस के मूवमेंट से सम्बन्धित सारी जानकारियां इन चोरों को देता था, जिसके एवज में वे उसे हर चोरी में 10 से 15 हजार तक का हिस्सा देते थे। ये पैसे वे अर्जुन और आशीष के द्वारा स्वप्निल को देते थे। पूछताछ के दौरान कांस्टेबल स्वप्निल ऋषि का नाम प्रकाश में आने पर मामले में धारा 120 बी भादवि की बढोतरी कर कांस्टेबल स्वप्निल ऋषि पुत्र स्व. गुंजन सिंह, निवासी काशीपुर (उधम सिंह नगर) को भी गिरफ्तार किया गया।

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