बिजनौर : नौकरानी ने मालकिन बनने के लिए पति-पत्नी की हत्या कर मकान में गाड़ दिये शव

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नीरज अग्रवाल
बिजनौर (महानाद) : पुलिस ने पिछले कई दिनों से गायब चल रहे समाजवादी पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव और उनकी पत्नी के शव एक मकान से बरामद कर लिए। जिस मकान में शव मिले हैं वह मकान सपा नेता की पत्नी के ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली महिला का है। उक्त महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर दोनों की हत्या कर दोनों के शवों को अपने मकान में गाड़ दिया था।

मामले का खुलासा करते हुए एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि शिवलोक कालोनी निवासी राजेश अग्रवाल सपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव थे। उनकी पत्नी बबली का शक्ति चौराहे पर ब्यूटी पार्लर है। उनके पार्लर में कई लड़कियां काम करती हैं। विगत 28 फरवरी को राजेश अग्रवाल अपनी पत्नी बबली सहित अचानक लापता हो गए। उनकी कोई औलाद नहीं है, इसलिए उनके बारे में कई दिनों तक किसी को कुछ पता नहीं चला। फिर लगभग एक हफ्ते तक लगातार मोबाइल बंद रहने से राजेश के रिश्तेदारों को कुछ शक हुआ और उन्होंने उनकी खोजबीन शुरू की। शुक्रवार को बबली का भाई कुछ सपा पदाधिकारियों के साथ पुलिस से मिला और उनके साथ किसी अनहोनी की आशंका जताई। जिसके बाद कोतवाली पुलिस दोनों पति पत्नी की खोजबीन में जुट गई।

शुक्रवार की रात्रि को पुलिस सपा नेता के ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली ग्राम हमीरपुर निवासी रूमा तक पहुंची। शक होने पर उसे और उसके बेटे को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों ने सपा नेता व उनकी पत्नी की हत्या करना स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर दंपती की हत्या कर दी है और उनके शवों को हमीरपुर में अपने घर के अंदर गड्ढा खोदकर दबा दिया है। जिसके बाद पुलिस ने गड्डा खोदकर शवों को बरामद कर लिया और इस हत्याकांड में मां-बेटों का साथ देने वाले दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

एसपी ने बताया कि सपा नेता राजेश अग्रवाल पुत्र चंद्रशेखर अग्रवाल मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले थे। 20 साल पहले उन्होंने अपने परिवार से संबंध तोड़ दिए थे और अपनी पत्नी और बेटे-बेटी को छोड़कर बिजनौर में आकर बस गए थे। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी बबली उर्फ बबीता से शादी कर ली थी। उनकी पहली पत्नी प्रोफेसर है और बेटा विदेश में नौकरी करता है। वहीं उनके ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली रूमा के पति की काफी पहले मौत हो गई थी। रूमा का सपा नेता के घर भी आना-जाना था। उसकी नजर दंपती की प्रोपर्टी पर थी। उसने सोचा कि पति-पत्नी की हत्या कर दी जाए तो किसी को पता नहीं चलेगा और वह उनके मकान और पार्लर पर आसानी से कब्जा कर लेगी।

पुलिस ने बताया कि दोहरे हत्याकांड की मास्टरमाइंड रूमा इतनी शातिर है कि वह शुक्रवार को दंपत्ति की सलामती के लिए एसपी से मिली और दोनों को सुरक्षित बरामद करने की गुहार भी लगाई थी। वह अपने प्रेमी मुकेश के साथ थाने भी गई थी। मीडिया के सामने भी वह दंपत्ति के सही सलामत होने की दुआ करती रही।

बता दें कि एक दिन मृतक बबीता की मां शीला देवी ने उनसे बात करने के लिए फोन मिलाया लेकिन बबीता का नंबर बंद आया। जिस पर उसने अपने बेटे मनोज को इसकी खबर दी। मनोज ने बिजनौर आकर रूमा से उनके बारे में पूछा। उसने उन्हें बताया कि मकान की चाबी देकर दोनों नीलकंठ गए हैं। जब सपा नेत्री प्रभा चौधरी, बबीता का भाई मनोज और रूमा एसपी से मिले। रूमा ने एसपी के सामने उन्हें बरामद करने की मांग की।

जब पुलिस द्वारा जांच की गई तो सारा राज खुल गया। शुक्रवार को सपा प्रतिनिधिमंडल और राजेश के करीबियों ने रूमा पर शक जताया क्योंकि 4 दिन पहले से ही रूमा ने ब्यूटी पार्लर पर अपना हक जताना शुरू कर दिया था। रोजाना पार्लर खोलने लगी थी। वहां काम करने वाली लड़कियों को वेतन भी देने लगी थी। लोगों में कहना शुरु कर दिया कि राजेश अग्रवाल ने अपना मकान और पार्लर उसकी बेटी के नाम कर दिया है। पुलिस पूछताछ करती तो रूमा और मुकेश बचने लगते थे। राजेश अग्रवाल का सिम एक बार रूमा के बेटे के मोबाइल में एक्टीवेट हुआ था औी उसकी लोकेशन हल्द्वानी में मिली थी। इस पर पुलिस का शक गहरा गया।

राजेश ने शिवलोक वाला मकान लोन पर लिया था और उसका जमानती मुकेश था। पुलिस को जांच में पता चला कि रूमा के राजेश और मुकेश से अवैध संबंध थे। दंपत्ति के मरने पर सीधा लाभ रूमा को हो रहा था। जिस पर पुलिस ने रूमा और उसके बेटे तुषार को हिरासत में लेकर से सख्ती से पूछताछ की तो राज खुल गया। रूमा ने दंपत्ति की हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल ग्राम रशीदपुर गढ़ी निवासी मुकेश पुत्र अमर सिंह और उसके चचेरे भाई मोंटी उर्फ धीरज पुत्र मुनेश्वर को भी हिरासत में लिया। चारों की निशानदेही पर शनिवार सुबह राजेश और बबीता के शव रूमा के घर से बरामद कर लिया। पुलिस ने जेसीबी से आंगन खुदवाया तो राजेश अग्रवाल का शव गड़ा मिला। बबीता का शव घर में ही बनी पशुशाला की खोर के बीच खाली जगह पर दबाने के बाद दीवार की चिनाई कर दी गई थी।

एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने बताया कि राजेश के शिवलोक के मकान और दो किराये की दुकानों को हथियाने के लिए हत्या की गई है। आरोपियों ने 28 फरवरी को घर पर ही राजेश के सिर में कुल्हाड़ी मारी और गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद रूमा का बेटा बबीता को ब्यूटी पार्लर से स्कूटी पर बैठाकर ग्राम हमीदपुर में अपने घर ले गया जहां रूमा, मुकेश और धीरज वैगनआर कार से राजेश के शव को हमीदपुर ले गए। यहां चारों ने चुनरी से बबीता का गला दबाकर हत्या कर दी और दोनों के शव रात में जमीन में गाड़ दिए। गिरफ्तार आरोपी मोंटी उर्फ धीरज पेदा सहकारी समिति का चेयरमैन है। वह आजाद किसान यूनियन का जिलाध्यक्ष भी है।

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