अल्मोड़ा (महानाद) : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर राजस्व पुलिस ने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नरेश कुमार और एक अन्य अधिकारी राजशेखर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों अधिकारियों पर शिकायत वापस न लेने पर एनजीओ के पदाधिकारियों को फंसाने और धमकाने का आरोप लगा है। वहीं उन पर एनजीओ के कार्यालय से 63 हजार रुपये लूटने का भी आरोप लगा है। एससी-एसटी का मामला देखते हुए इसे रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि द प्लीसेंट वैली फाउंडेशन के संयुक्त सचिव विपिन कुमार आर्य की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर कर कहा गया कि उनका संगठन दिल्ली में पंजीकृत हैं। वह यहां अल्मोड़ा जिले के ग्राम डाडाकांडा में धमार्थ विद्यालय चलाते हैं, जिसमें संगठन का कार्यालय भी है। उनके संगठन ने दिल्ली सरकार के प्रमोटी अधिकारी राजशेखर निवासी एचआइजी फ्लैट्स, मोतिया खान, दिल्ली के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग में 11 दिसंबर 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप है कि विभिन्न घोटालों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री सहित विभिन्न अधिकारियों को भेजी गई शिकायत वापस लेने के लिए नरेश कुमार और राजशेखर ने उन पर दबाव बनाया। एनजीओ का आरोप है कि 14 फरवरी को दोनों अधिकारियों ने 4 व्यक्तियों को दिल्ली से डाडाकांडा भेजा। दिल्ली से आए व्यक्तियों ने एनजीओ के संयुक्त सचिव को धमकी दी कि यदि शिकायतों को वापस नहीं लिया तो संगठन के पदाधिकारियों के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने पीड़ित के संगठन के नाम पर बने कागज और शपथपत्र पर हस्ताक्षर लेने की कोशिश भी की। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। जबरन कई फाइलें, रिकॉर्ड, दस्तावेज और पेन डाइव लूट ली गई, जिसमें उनके विभिन्न घोटालों और भ्रष्टाचार के सबूत थे।
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दयाराम ने द प्लीसेंट वैली फाउंडेशन के संगठन सचिव वीके आर्य उर्फ विपिन कुमार आर्य के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र गोविंदपुर को नरेश कुमार और राजशेखर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए थे।
न्यायालय के आदेश पर गोविंदपुर राजस्व पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 392, 447,120 बी, 504 के साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।