मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें बाबा नीब करौरी जी का चित्र और उत्तराखण्ड का बासमती चावल भेंट किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण इन्फ्रा प्रोजेक्ट, देहरादून-टिहरी टनल परियोजना एवं पन्तनगर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण के कार्यों में तेजी लाने के लिए भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया। और पीएम मोदी को “वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023” में बतौर मुख्य अतिथि आमन्त्रित किया।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दिसम्बर 2023 के द्वितीय सप्ताह में देहरादून में आयोजित होने वाले “वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023” में बतौर मुख्य अतिथि आमन्त्रित करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में निवेशक सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न होगा। सीएम धामी ने प्रधानमंत्री से किच्छा-खटीमा रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट की संपूर्ण लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाने और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के अन्तर्गत सैद्धांतिक रूप से सहमत इंडस्ट्रीयल पार्क हेतु केंद्र सरकार के अंश लगभग ₹410 करोड़ को अवमुक्त किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बाह्य सहायतित परियोजना की ऋण सीमा को पूर्ववत रखे जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उक्त परियोजनाओं के अन्तर्गत ऋण सीमा को ₹12652 करोड़ तक सीमित कर दिया गया है। जिससे राज्य में नई परियोजनाओं के प्रस्तावों को उक्त परियोजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित करना कठिन हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से हरिद्वार में औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण की सम्भावनाओं के दृष्टिगत् भारत सरकार के पीएसयू भेल के उपयोग में ना आ रही 457 एकड़ भूमि को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से दिलाए जाने और प्रदेश को पूंजीगत व्यय की 30 सितम्बर तक 45 प्रतिशत अनिवार्य रूप से व्यय करने की शर्त में शिथिलता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने देहरादून एवं ऋषिकेश में यातायात को सुव्यवस्थित करने हेतु देहरादून के मुख्य रेलवे स्टेशन को हर्रावाला शिफ्ट किए जाने एवं ऋषिकेश के अन्तर्गत पुराने रेलवे स्टेशन की भूमि राज्य सरकार को हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को GST Era के उपरान्त हिमाचल सहित औद्योगीकरण को बढ़ावा दिये जाने हेतु IDS की स्कीम लॉच की गयी थी। जिसके लाभार्थियों की कैपिटल सब्सिडी अवमुक्त नहीं की गयी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस अति लोकप्रिय स्कीम को अगले 5 वर्षों हेतु पुनः लागू किया जाए।