गढ़वाल: उत्तराखंड में गुलदार और भालू का आतंक लोगों को जीने नहीं दे रहा है। अब ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर रिहायसी इलाके में भी जानवरों का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। जो कि जानलेवा साबित हो रहा है। बेखौफ घूमते जानवर ग्रामीणों को अपना शिकार बना रहे हैं। इस बीच गोविंद पशु विहार क्षेत्र के ओसला गांव में भालू के हमले में घायल युवक की उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से घायल को 4 किमी पीठ पर उठाकर पहले ढाटमीर पहुंचाया, फिर निजी वाहन से उसे सीएचसी मोरी पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर देहरादून के लिए रेफर कर दिया, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे दून अस्पताल से महंत इंद्रेश अस्पताल रेफर किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार दिन में करीब एक बजे ओसला गांव निवासी चैन दास (20) पुत्र रकम दास अपने खेतों में काम करने गया था। जहां भालू ने उस पर हमला कर दिया। उसकी चीख पुकार सुन कर पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने उसे किसी तरह भालू से बचाया, लेकिन भालू के हमले में उसका चेहरा और जबड़ा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घायल चैन दास को पैदल ही पीठ पर लादकर 4 किमी दूर ढाटमीर पहुंचाया। इसके बाद ढाटमीर से निजी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी पहुंचाया गया। जहां सीएचसी मोरी में डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे दून अस्पताल रेफर कर दिया, बाद में चैन दास को महंत इंद्रेश अस्पताल रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान चैन दास की मौत हो गई।