धर्मातरण विरोधी कानून बनाने को लेकर धर्मयात्रा महासंघ ने भेजा राष्ट्रपति को ज्ञापन

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : धर्मातरण विरोधी कानून बनाये जाने को लेकर धर्मयात्रा महासंघ से जुड़े पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर कठोर अधिनियम पारित करवाने की अपील की।

राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अपने देश भारत में जहां सर्वे भवन्तु सुखिनाः का मंत्र बड़े उत्साह, विश्वास, श्रद्धा और निष्ठा के साथ बोला ही नहीं जाता वरन इसका अक्षरशः पालन भी किया जाता है तथा सदैव इस बात का प्रयास भी किया जाता है कि हम भारत वंशियों द्वारा किसी भी प्रकार से किसी भी भारतीय नागरिक का अहित न हो चाहे वह किसी भी धर्म या सम्प्रदाय का क्यों न हो। इसके साथ ही हम लोग किसी भी धर्म परिवर्तन करवाने में भी विश्वास नहीं रखते। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ साम्प्रदायिक तत्व इसके एकदम विपरीत मानवता और समाजिक मान्यताओं के विरुद्ध हमारे भोले देशवासियों को कुछ प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने का प्रयास करते हैं। दुर्भाग्य से अपने देश में धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कठोर कानून के अभाव में देश में धर्मान्तरण कराने की प्रकिया बहुत तेजी से चल रही है। इस भयवाह दुखद स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कठोर अधिनियम की आवश्यकता है ताकि इस देश विरोधी गतिविधि पर देशहित में अंकुश लग सकें।

ज्ञापन भेजने वालों में कृष्ण कुमार अग्रवाल, गुरविंदर सिंह चण्डोक, मदन मोहन गोले, धर्मेन्द्र तुली एड., विपिन अग्रवाल, राघवेन्द्र नागर, देवेन्द्र कुमार सक्सेना, सुभाष चन्द्र शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद राय आदि शामिल रहे।

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