कश्मीर बैठक : दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी मिटाना चाहते हैं मोदी, परिसीमन के बाद होंगे चुनाव

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नई दिल्ली (महानाद) : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग पार्टियों के 14 चुनिंदा नेताओं के साथ कश्मीर के हालातांे पर चर्चा की। बैठक लगभग 3.30 घंटे तक चली। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वे ‘दिल्ली की दूरी’ तथा ‘दिल की दूरी’ को मिटाना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि हमारे बीच में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम सभी को देश हित में कार्य करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों को इसका लाभ मिले। मोदी ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी की सुरक्षा और बेहतरी के माहौल को सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना उनकी पहली प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधयों ने जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों में बंटवारे का विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, पार्टी अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और पूर्व उप मुख्यमंत्री तारक चंद ने बैठक में हिस्सा लिया। ब
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक खुली चर्चा थी, जिसने जिस विषय पर बोलना चाहा, बोला। आज की मीटिंग में हमने कहा कि राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म नहीं किया जाना चाहिए था। हमने फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है। गृह मंत्री अमित शाह ने हमें भरोसा दिया है कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर बहाल होगा। लेकिन पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरीकी जायेगी।
आजाद ने केंद्र से इस बात की गारंटी मांगी कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का उनकी जमीन पर हक पहले की तरह ही सुरक्षित रहे। कश्मीरी पंडितों को वापस लाकर यहां बयाया जाए। आजाद ने राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की मांग भी की।
वहीं जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नेताओं की बात पूरे ध्यान से सुनीे। प्रधानमंत्री ने कहा है कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारुख अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, भाजपा जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, पीएम के प्रधान सलाहकार पीके मिश्रा तथा गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद रहे।

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