राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सौजन्य से हुआ प्रख्यात रंगमंच समीक्षक दिवान सिंह बजेली की पुस्तक का पुर्न प्रकाशन

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सीएम पपनैं
नई दिल्ली (महानाद) : रंगमंच पटल और सिने जगत के जानेमाने समीक्षक, भारत सरकार द्वारा, 2019 में संगीत नाटक अकादमी, फैलोशिप सम्मान से नवाजे गए, दिवान सिंह बजेली की, 2006 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा, अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तक, ‘मोहन उप्रेती : द मैन एंड हिज आर्ट’ का पुर्न प्रकाशन, रंगमंच पटल पर पुस्तक की उपयोगिता, महत्ता व मांग को, देखते हुए किया गया।

उक्त पुस्तक भारतीय रंगमंच के सु-विख्यात संगीत निर्देशक व उत्तराखंड लोकगीत-संगीत के पुरोधा व लोकगायक रहे, स्व. मोहन उप्रेती के द्वारा, आधुनिक रंगमंच पटल पर, संगीत के क्षेत्र मे दिए गए योगदान पर लिखी गई है। स्व. मोहन उप्रेती द्वारा जीवन पर्यन्त उत्तराखंड के लोकसंगीत को उत्तराखंड की सु-विख्यात सांस्कृतिक संस्था ‘पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली’ के माध्यम, स्व. बृजेन्द्रलाल शाह द्वारा गीतनाट्य के रूप में रचित उत्तराखंड की लोकगाथाआंे राजुला-मालूशाही, अजूबा बफोल, जीतू बगडवाल, रसिक रमोल, भाना गंगनाथ इत्यादि सहित करीब एक दर्जन से अधिक लोकगाथाओं का संगीत निर्देशन, वैश्विक फलक पर मंचित कर, ख्याति अर्जित की गई थी।

दिवान सिंह बजेली की उक्त प्रकाशित पुस्तक को, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सौजन्य से व्यावसायिक तौर पर, देश-विदेश में उपलब्ध कराया गया था। पुस्तक को बड़े स्तर पर प्रचारित व प्रसारित होने का अवसर मिला था।

दिवान सिंह बजेली द्वारा उक्त पुस्तक की रचना कर, भारतीय रंगमंच पटल व उत्तराखंड लोकसंगीत के सु-विख्यात संगीत निर्देशक तथा लोकगायक स्व. मोहन उप्रेती के द्वारा किए गए कार्याे का मान बढ़ाने के साथ-साथ, उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, लोकसंगीत, लोकगाथाओं व लोकबोली के महत्व को उजागर करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।

आधुनिक रंगमंच संगीत निर्देशको व रंगकर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत दिवानसिंह बजेली की उक्त प्रकाशित पुस्तक, देश-विदेश के रंगमंच जगत से जुडे लोगों के लिए प्रेरणादायी बनी हुई है।

प्रकाशित पुस्तक के रचयिता 84 वर्षीय दिवानसिंह बजेली, दिल्ली में प्रवासरत हैं। मूल रूप से उत्तराखंड जिला अल्मोड़ा, पोस्ट मनान, कालिट गांव के निवासी हैं। विभिन्न गठित सरकारी समितियों मे नामित सदस्य तथा रंगमंच पटल पर प्रख्यात संस्था, ‘पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली’ के उपाध्यक्ष पद पर पदारूढ़ हैं। 2019 में उत्तराखंड सरकार द्वारा तथा समय- समय पर, विभिन्न सम्मानित सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा अनेकों सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस, फाईनेन्शियल एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, नैशनल हैराल्ड, हिंदू इत्यादि अखबारों में रंगमंच व फिल्म के विगत चार दशकों से ख्यातिप्राप्त समीक्षकों में शुमार रहे हैं। ‘द थियेटर ऑफ भानु भारती एंड पर्सपैक्टिव’ तथा ‘यात्रिक : ए जर्नी इंटू थियेट्रीकल आर्ट’ नामक आपकी अन्य प्रकाशित पुस्तके हैं। ‘उत्तराखंड कल्चर इन दिल्ली’ तथा ‘मीरियड ह्युज ऑफ द हिमालयन आर्ट’ नामक पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं।

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