काशीपुर (महानाद) : उत्तराखंड की प्रसिद्ध भगवान श्री विश्वनाथ एवं मां जगदीशशिला डोली रथ यात्रा के सोमवार दोपहर रामनगर रोड पर मेहरोत्रा इंटरप्राइजेज, काशीपुर पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया।।
डोली रथयात्रा के मुख्य पुरोहित एवं उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने इसके पौराणिक महत्व के बारे में बताया कि विशोन पर्वत में धर्मगुरुओं ने तपस्या की, उसके बाद स्वामी रामतीर्थ ने तपस्या की, उस स्थान से यह डोली चलती है। पिछले 24 वर्षों से हर साल यह डोली यात्रा चलती है। इस वर्ष 25वीं यात्रा निकाली जा रही है। विश्व कल्याण, देव संस्कृति जीवित रखना, चार धाम के अलावा उत्तराखंड प्रदेश में अन्य शक्तिपीठों की पहचान कराना और उन्हें प्रचार के माध्यम से धाम बनाने के स्वरूप को तैयार करना इस यात्रा का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में अनेक ऐसे शक्तिपीठ हैं, जहां आम लोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं। उनकी मदद से पूरी होती है।
बता दें कि यह डोली हर साल साढ़े 10 हज़ार किलोमीटर की यात्रा करती है। 2200 देवालयों की परिक्रमा करते हुए हरिद्वार में स्नान करके विशोन पर्वत पर पहुंचकर समाप्त होगी। इस वर्ष यह यात्रा 16 मई को हरिद्वार से शुरू होकर देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल से होते हुए ऊधम सिंह नगर जिले में प्रवेश की है।
नैथानी ने बताया कि आगामी 16 जून को गंगा दशहरा के पर्व पर यह यात्रा विशोन पर्वत पर पहुंचकर संपन्न होगी। 1 माह तक निकाली जाने वाली यह देवयात्रा काशीपुर से अपने अगले पड़ाव जसपुर होते हुए हरिद्वार के लिए रवाना हो गयी।