बरेली (महानाद) : विगत 9 फरवरी को हजारों समर्थकों के साथ पुलिस को गिरफ्तारी देने पहुंचे मौलाना तौकीर रजा को अब पुलिस ढूंढ रही है और वे फरार हो गये हैं।
आपको बता दें कि आईएमसी के प्रमुख तौकीर रजा हमेशा जहर उगलने का काम करते हैं। वर्ष 2010 में बरेली में तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद दंगाइयों ने पूरे शहर में जमकर तांडव करते हुए पेट्रोल पंप और पुलिस चौकी को फूंक दिया था। जिसके बाद तौकीर रजा सहित 300 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन राजनीतिक दबाव के बाद एक रात के बाद ही तौकीर रजा को जेल से रिहा कर दिया गया था।
अब कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को साल 2010 में हुए बरेली दंगो का मास्टरमाइंड घोषित कर सोमवार को कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया था, लेकिन मौलाना कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद से प्रेमनगर व कोतवाली पुलिस ने मौलाना तौकीर के आवास के कई चक्कर लगाए, लेकिन वह नहीं मिले। इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि मौलाना के घर पर पिछले कई दिनों से ताला पड़ा हुआ है। पड़ोसियों ने बताया कि मौलाना पिछले काफी समय से दिल्ली में है। उनका फोन भी बंद आ रहा है।
वही, आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने में सीओ प्रथम की टीम भी नाकाम रही। जिस पर एडीजी फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी मौलाना तौकीर रजा खां बरेली जनपद का बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति है। उसके प्रभाव के कारण ही अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे यह भी लगता है कि भारत में आम आदमी के लिए कानून अलग और प्रभावशाली आरोपी के लिए अलग है। अगर आम आदमी इस तरह का अपराध करता तो पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया होता। आरोपी एक प्रभावशाली धार्मिक व्यक्ति है, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी बाहर खुला घूम रहा है।
कोर्ट ने 19 मार्च की तारीख तय करते हुए एसपी घुले सुशील चंद्रभान को मौलाना तौकीर की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सौंपी है। तथा कहा कि जिले की कानून व्यवस्था बनाए रखने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी डीएम की होगी।