विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : आप नेता एवं राज्य आंदोलनकारी दीपक बाली ने उत्तराखंड में बिजली की दरें बढ़ाए जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि वह तत्काल इन बढ़ी हुई दरों को वापस ले। उन्होंने कहा कि जनता को झूठे सब्ज दिखाकर चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा ने जनता को महंगाई से राहत नहीं दिलाई। आज उत्तराखंड के साथ-साथ पूरा देश महंगाई से जल रहा है। लेकिन खुद को जनता का सबसे बड़ा हमदर्द बताने वाली भाजपा जनता को राहत देने की बजाए महंगाई बढ़ाकर जनता की सबसे बड़ी शत्रु बन गई है।
आप नेता बाली ने कहा है कि चुनाव से पूर्व उत्तराखंड के विद्युत मंत्री ने 200 यूनिट बिजली माफ करने की बात कही थी तो मुख्यमंत्री ने उसे घटाकर 100 यूनिट कहा था। मगर यह तो उल्टा हो रहा है। फ्री बिजली तो सरकार क्या देती उलटा शपथ लेते ही जिस तरह से जन विरोधी रुख अख्तियार किया है उससे एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। वह केवल झूठे वादे करके और लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलकर चुनाव जीतती है।
बाली ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने बिजली की कीमत बढ़ाई है तो केंद्र की मोदी सरकार ने रसोई गैस, सीएनजी और तमाम पेट्रोलियम पदार्थों के रेट लगातार बढ़ाकर देश को महंगाई की आग में झोंक दिया है। जिन लोगों ने आंख और दिमाग बंद कर भाजपा को चुनाव जिताया अब उन्हें समझ जाना चाहिए कि भाजपा पर विश्वास किया जाए या नहीं? दिल्ली और पंजाब भी उत्तराखंड की तरह इसी देश का हिस्सा हैं। जब दिल्ली और पंजाब में आम जनता और किसानों को बिजली फ्री दी जा सकती है तो फिर उत्तराखंड में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? जबकि दिल्ली सरकार तो उत्तराखंड से ही महंगी बिजली खरीद कर दिल्लीवासियों को फ्री में बिजली देती हैै। भला जिस ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में बिजली बनती है उस उत्तराखंड की जनता का पहला अधिकार बनता है कि उसे सस्ती बिजली मिले लेकिन दोबारा सत्ता में लौटने पर भी भाजपा ऐसा नहीं कर पाई है। उसे चाहिए कि वह तत्काल बढ़ी हुई विद्युत दरों को वापस ले और बिजली को सस्ता करे। क्योंकि बिजली रूपी संसाधन उसके पास है ना कि उसे कहीं से खरीदना पड़ रहा है।