पूर्व मुख्यमंत्री हरीश के बयान से गुस्साए गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा काशीपुर ने फूंका पुतला

0
89

विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत द्वारा सिख धर्म के सर्वोच्च पांच प्यारो के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने से नाराज गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा काशीपुर ने महाराणा प्रताप चौक पर हरीश रावत का पुतला फूंककर उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। कार्यकर्ताआंे ने कहा कि हरीश रावत की टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनायें आहत हुई हैं।

पुतला फूंकन वालों में गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह कोहली, जसपाल सिंह चड्ढा, सतविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, गुरविंदर सिंह चंडोक, सुखविंदर सिंह टिंका, दिलप्रीत सिंह सेठी, एडवोकेट केवल सिंह, गुरविंदर सिंह कोहली, गुरबख्श सिंह, सरबजीत सिंह, जसवीर सिंह, कमलजीत सिद्धू, अमरपाल सिंह, गुरुदेव सिंह, अजायब सिंह नागरा, चरणजीत सिंह आनंद, परमजीत सिंह चंडोक, मनीष खरबंदा, गोल्डी आनंद, बिन्टा गिल, सलविंदर सिंह, सतनाम सिंह, रंजीत सिंह, प्रधान दरबारा सिंह, बलविंदर सिंह आदि शामिल थे।

बता दें कि पंजाब कांग्रेस में लगातार जारी सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथ नियुक्त किए गए चार कार्यकारी अध्यक्षों के साथ मुलाकात कर सिद्धू और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना ‘पंज प्यारो’ से कर दी थी। बता दें कि सिख धर्म में मान्यता है कि जब गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म की शुरुआत की थी तो उन्होंने 5 प्यारों को चुना यानि उन 5 लोगों को जोकि गुरु और धर्म के लिए कुछ भी कर सके और धर्म के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दें। इसी के बाद से ये परंपरा रही है कि जब भी सिखों की कोई भी यात्रा, नगर-कीर्तन या धार्मिक कार्यक्रम होता है वहां पर पंज प्यारे उसका नेतृत्व करते हैं, जिनको बहुत ही पवित्र माना जाता है।

हालांकि अपने इस बयान को लेकर हरीश रावत ने कुछ ही घंटों के भीतर माफी भी मांग ली। विवाद होने के बाद माफी मांगते हुए हरीश रावत ने लिखा, ‘कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। मुझसे भी कल अपने अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं। मैं प्रायश्चित स्वरूप अपने राज्य के किसी गुरुद्वारे में कुछ देर झाडू लगाकर सफाई करूंगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here