विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद): पुलिस ने अलीगंज रोड पर एक नकली सीमेन्ट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए एक व्यक्ति को एक ट्रक, एक कैन्टर, डेमेज सीमेन्ट के 1250 कट्टे सहित गिरफ्तार किया है।
आपको बतजा दें कि एसटीएफ कुमायूं के निरीक्षक एमपी सिंह ने कोतवाल काशीपुर मनोज रतूड़ी को सूचना दी कि मुखबिर से सूचना मिली है कि अलीगंज रोड पर पैराडाइज कालोनी के पास एक नकली सीमेन्ट बनान की फैक्ट्री चल रही है। जिस पर कोतवाल मनोज रतूड़ी चौकी प्रभारी टांडा उज्जैन मनोज जोशी, एसआई सन्तोष कुमार देवरानी व कंचन पडलिया के साथ मौके पर पहुंचे जहां पर एसटीएफ के निरीक्षक एमपी सिंह, एसआई एसटीएफ केजी मठपाल, हे.कां. जगपाल सिंह, संजय कुमार, नवीन कुमार एवं अल्ट्राटेक के सीनियर मैनेजर संजय शर्मा मिले।
इसके पश्चात पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची तो देखा कि पैराडाइज कालोनी की बगल मे एक बड़े से गोदाम के अन्दर सीमेन्ट की नकली फैक्ट्री चल रही है। गोदाम के परिसर में एक ट्रक व एक कैन्टर खड़ा है। ट्रक में मौजूद ट्रक ड्राईवर ने अपना नाम भूपेन्द्र पुत्र अखलेन्द्र कुमार निवासी ग्राम मुड़िया होलास, थाना बरखेड़ा, जिला पीलीभीत बताया। उसने बताया कि उसके ट्रक में अल्ट्राटेक कम्पनी के डेमेज सीमेन्ट के कुल 550 कट्टे लदे हुये है जिसे वह रुद्रपुर से लेकर आया है। कैन्टर चालक ने अपना नाम अनस पुत्र यामीन निवासी टांडा बादली, रामपुर बताया और उसने बताया कि वह भी रुद्रपुर से सीमेन्ट के करीब 350 कट्टे लाद कर लाया है। इस माल को मुझे दिल्ली लेकर जाना है ये माल मुझे कमल ने लोड कराया था।
दोनो ड्राईवरों ने बताया कि हमको माल लाने ले जाने का किराया मिलता है। उक्त परिसर मे दो बड़े गोदाम बने हुये हैं। प्रथम गोदाम में सीमेन्ट के नये व पुराने कट्टे काफी संख्या में बंडल बना कर रखे हुये हैं तथा अल्ट्राटेक सीमेन्ट, एसीसी, माईसेम और बांगर सीमेन्ट लिखे काफी संख्या मे कट्टे रखे हुये मिले और एक इलेक्ट्रानिक कांटा रखा हुआ थज्ञ। जबकि दूसरे गोदाम में एक व्यक्ति मौजूद मिला और काफी सख्या मे सीमेन्ट के कट्टे एक के ऊपर एक करके रखे हुये थे। पूछताछ में उक्त व्यक्ति ने अपना नाम कमल सागर पुत्र छोटे सागर निवासी ग्राम उझहरी, थाना नगरी, जिला मुरादाबाद बताया।
पूछताछ के दौरान कमल ने बताया कि यह गोदाम वसीम पुत्र मेहंदी हसन निवासी पत्थरखेड़ा, थाना भोट, जिला रामपुर ने किराये पर ले रखा है। मैं वसीम का मुंशी हूं। वसीम अक्सर यहां आता है और आज भी थोड़ी देर पहले ही यहां से गया है, ये सारा काम उसी का है और मैं उसके कहने पर ही काम करता हू। कमल ने बताया कि वसीम डैमेज सीमेन्ट को सस्ते दामों में खरीदकर यहां लाता है और उस सीमेन्ट मे से हम बड़े बड़े सीमेन्ट के ढल्लो को छन्ने के माध्यम से हटा देते है और सीमेन्ट के छोटे छोटे ढल्लो को कूटकर बारीक करते हैं और उसके बाद सीमेन्ट के नये कट्टो में भरकर दिल्ली भेज देते है।
एसटीएफ के साथ आये अल्ट्राटेक सीमेन्ट के अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि जिन कट्टो में हमारी कम्पनी अल्ट्राटेक का नाम अंकित है वो कट्टे डुप्लीकेट तरीके से छपवाये गये हैं। इन कटटो मे जो बैच नम्बर व एमआरपी अंकित है वो स्पष्ट नहीं है और भिन्न है। जबकि हमारी कम्पनी के जो कट्टे होते हैं उनके बैच नम्बर व एमआरपी स्पष्ट पढ़ने में आते हैं। संजय शर्मा ने बताया कि काशीपुर मे हमारी कम्पनी अल्ट्राटेक सीमेन्ट की कोई भी फैक्ट्री नहीं है। इनके द्वारा हमारी कम्पनी के नाम से कट्टे छपवाकर उन कट्टों में डैमेज सीमेन्ट को असली सीमेन्ट के रूप मे बताते हुये धोखाधड़ी करते हुये मार्केट मे बेचकर लाभ कमाया जा रहा है। साथ ही कम्पनी के नाम का इस्तेमाल कर सीमेन्ट बेचकर कम्पनी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जो कि धारा 420/467/468/471 भादवि धारा 63/65 कापीराईट एक्ट 1957 व धारा 102 / 104 ट्रेड मार्क एक्ट 1999 का उल्लंघन है।
जिसके बाद पुलिस ने अभियुक्त कमल को उसके जुर्म से अवगत कराते हुये आज सुबह के लगभग 4 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से बरामद ट्रक से लाये गये माल व कैन्टर मे भरकर ले जाये जा रहे माल को विवेचना के क्रम में मय वाहन के कब्जे में ले लिया तथा मौके से एक छन्नी, सीमेन्ट भरने की कुप्पी, लोहे के 04 हुक, एक फावड़ा, 03 आरी, एक वाइपर, एक इलेक्ट्रानिक तराजू बरामद हुआ जिन्हें कब्जे में ले लिया गया।
पुलिस ने अभियुक्त कमल व फैक्ट्री के मालिक वसीम के खिलाफ धारा 63, 65, 102, 104, 420, 467, 468 तथा 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरु कर दी है।