शिशिर भटनागर
रामपुर (महानाद) : सीआरपीएफ के डीआइजी का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का मामला सामने आया है। नगर पालिका परिषद ने जांच पड़ताल के बाद इसकी पुष्टि कर दी है।
बता दें कि सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र रामपुर में डीआइजी स्वरूप सिंह की 1985 में मौत हो गई थी। तब उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी किया गया था, लेकिन 2015 में एक और डेथ सर्टिफिकेट जारी हुआ, जो म्युनिसिपल बोर्ड रामपुर की ओर से जारी होना बताया गया। इसमें उनकी मौत 1996 में होनी दर्शाई गई। स्वरूप सिंह के धेवते भी सीआरपीएफ कोलकाता में आइजी हैं। उनकी जानकारी में यह मामला आया तो उन्होंने इसकी जांच के लिए देहरादून के आइजी से कहा। देहरादून से आइजी शुक्रवार को केंद्र के निरीक्षण के लिए रामपुर में आए थे। सीआरपीएफ कर्मियों के साथ नगर पालिका पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल कराई तो पता लगा कि डीआइजी का डेथ सर्टिफिकेट फर्जी है।
अधिशासी अधिकारी डॉ. विवेकानंद गंगवार ने बताया कि सर्टिफिकेट पर म्युनिसिपल बोर्ड रामपुर की मुहर लगी है। जबकि 1990 से नगर पालिका परिषद लिखा जाता है। इसी क्रम संख्या पर सोहनलाल का सर्टिफिकेट जारी हुआ है। पालिका ने डीआइजी का पहले भी सर्टिफिकेट जारी किया था, जिसका रिकॉर्ड भी मिल गया। इस तरह जांच के बाद दूसरा सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार डीआइजी रामस्वरूप पंजाब के रहने वाले थे और उनकी करोड़ों रुपये की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। फर्जी डेथ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति जेल में बंद बताया जाता है।
बता दें कि इससे पहले नगर पालिका की ओर से दुबई में पैदा हुई बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का मामला भी पकड़ में आया था।