मोहित गोयल
सल्ट (महानाद) : उत्तराखंड के पहाड़ों में सड़कों की दुर्दशा को लेकर आए दिन आंदोलन, धरने व चक्का जाम होते रहते हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार यहां की सड़कों को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं दिखती, पहाड़ों में सड़कों की हमेशा उपेक्षा होती रही है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी उत्तराखंड में सड़कों की बदहाली किसी से छिपी हुई नहीं है, सड़कों की खस्ता हालत और गड्ढों की वजह से कल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को खुद सड़कों पर बैठने पर विवश होना पड़ा।
मामला राष्ट्रीय राजमार्ग का है जो रामनगर से मोहन-भतरौजखान-गैरसैण- बदरीनाथ अल्मोड़ा आदि स्थानों को जोड़ता है। आज इस सड़क पर इस कदर गड्ढे हो चुके हैं कि सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी कम हो गई है और वाहन इन सभी स्थानों पर जाने के लिए सड़कों के अन्य विकल्पों को चुनते हैं। मोहान से भतरौजखान के बीच हजारों गड्ढे हैं साथ ही सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है, जिस कारण पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कल बुधवार को मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुमेरिया में 1 घंटे का मौन धरना दिया।
हरीश रावत ने बुधवार को दिन के 1ः00 बजे अपना मौन धरना शुरू किया और 2ः00 बजे तक मौन धरना देने के बाद प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने कहा कि यह सड़क हमने 2016 में एडीबी से बनवाई थी। इसके साथ कुछ शर्ते थीं, जिसमें एक निश्चित समय तक आप खर्च नहीं कर सकते हैं। हमने आगे यह सोच कर कि आने वाले दिनों में इस सड़क का चौड़ीकरण होगा नितिन गडकरी से राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में एक सैद्धांतिक स्वीकृति कराई थी। यह सबसे पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर एक दो महीने के अंदर सड़क के सुधारीकरण के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई तो हम मोहान में 24 घंटे उपवास के लिए बैठेंगें। उन्होंने कहा यह केवल इसी मार्ग का मामला नहीं है। मैं इनके अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों की भी पोल खोलूंगा, जिसमें उन्होंने मरचूला, भिकियासैन, बेतालघाट, आदि मार्गाे का भी जिक्र किया।
उन्होंने यूके एसएसएससी और विधानसभा भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच को लेकर कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार का एक तोता है जिसका केंद्र सरकार देश भर में दुरुपयोग करती है। उन्होंने कहा कि घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए लेकिन यह जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज के अंडर में होनी चाहिए।
धरना प्रदर्शन में पुष्कर दुर्गापाल, नारायण सिंह रावत ( पूर्व जिला पंचायत), घनानंद शर्मा (महासचिव पूर्व सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ), गोविंद सिंह नेगी, मुमताज, मोहन फर्त्याल, कुलदीप दुर्गापाल, अर्जुन सिंह (पूर्व जिला पंचायत), अमित रावत, प्रकाश बर्थवाल आदि कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।