पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मक्का की फसल को ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने की मांग की है।
सिंघल नर्सिंग होम स्थित भाजपा कार्यालय में पूर्व विधायक एवम् भाजपा नेता डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र भेजकर मांग की है कि उत्तराखण्ड मे तराई क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार ग्रीष्म काल में तीसरी फसल के रूप में मक्के की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके लिए एक कारगर नीति की आवश्यक्ता है। जिस हेतु सरकार को ग्रेन बेस्ड डिसलरियो और स्टार्च के उद्यमियों से वार्ता कर उचित समर्थन मूल्य घोषित किया जाना चाहिए। जिससे किसानों में ग्रीष्म कालीन मक्का की खेती के प्रति रुझान बढ़ सके। मक्का की खेती में पानी के कम उपयोग से तराई क्षेत्र के भूमिगत जल स्रोत भी संरक्षित रह पायेंगे और भूमि की उर्वरा शक्ति का दोहन भी कम होगा।
उन्होंने पत्र में सुझाव देते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन धान की फसल में पानी का उपयोग अधिक मात्रा मे होता है। गर्मियों में भूमिगत जल का स्तर और गिर जाता है। जिससे तराई क्षेत्र में पीने के पानी का संकट गहरा जाता है। इस समस्या को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन धान पर रोक लगाकर अन्य फसलें (मक्का दलहन) को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पूर्व विधायक डॉ. सिंघल ने उक्त विषय की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुये तीसरी फसल के रूप में मक्का की फसल को प्रोत्साहित करने हेतु समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है।
इस दौरान तरुण गहलौत, सुरेंद्र सिंह चौहान, सुधीर विश्नोई, सरवन सिंह सिद्धू, विनोद कुमार, अशोक खन्ना, अंकुर सक्सेना, विकल चौहान आदि मौजूद रहे।