विकास अग्रवाल
किच्छा (महानाद) : किच्छा क्षेत्र में हुए जघन्य हत्याकांड का खुलासा महज 48 घंटे में करते हुए उधम सिंह नगर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि दिनांक 06-10-2022 को रेलवे कालोनी, वार्ड नं 6, किच्छा, जिला उधम सिंह नगर निवासी कल्पना दफादार पत्नी शम्भू दफादार ने किच्छा थाने में तहरीर देकर बताया कि उसका पति शम्भू दफादार दिनांक 04-10-2022 को सांयकाल 6 बजे के आस पास अपनी साईकिल से लकड़ी लेने जंगल गया था और फिर वापिस नहीं आया। दिनांक 06-10-2022 की सुबह शम्भू की डेडबाडी प्रयाग फार्म के पास बाबू सिंह के धान के खेत के पास जंगल में बरामद हुई। उसके पति के किसी ने धारदार हथियार से जांघों से पैर काटकर हत्या कर दी थी।
कल्पना की तहरीर के आधार पर एफआईआर सं. 412/2022 धारा 302 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत कर मामले की विवेचना उच्चधिकारीगणों के आदेश से थाना किच्छा के एसएसआई गोविन्द सिंह मेहता के सुपुर्द की गयी। हत्या जैसे जघन्य अपराध के अनावरण हेतु एसएसपी उधम सिंह नगर डॉ. मंजूनाथ टीसी के निर्देशानुसार एसपी सिटी रुद्रपुर के निर्देशन में हत्या की घटना के अनावरण / अभियुक्तगणों की धर पकड़ हेतु सीओ सितारगंज के नेतृत्व में 04 टीमों का गठन किया गया। प्रथम टीम सीसीटीवी फुटेज अवलोकन हेतु, द्वितीय टीम अभियुक्तगणों / संदिग्धों से पूछताछ हेतु तृतीय टीम पंचायतनामा / पोस्टमार्टम आदि की लिखापढ़ी हेतु तथा चतुर्थ टीम लोकेशन सीडीआर, अवलोकन और पूछताछ हेतु बनायी गयी।
घटना के अनवारण हेतु प्रभारी निरीक्षक किच्छा एवं थानाध्यक्ष पुलभट्टा व उनकी टीम को भी लगाया गया। उपरोक्त टीमों द्वारा घटनास्थल और उसके आस पास लगभग 50 सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया। घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान मृतक की चप्पलें, और एक जोड़ी अन्य नई चप्पलें 06 नम्बर की बरामद हुई। इस दौरान लगभग 40 संदिग्ध से पूछताछ की गयी। पूछताछ के दौरान एक संदिग्ध द्वारा यह बताया गया कि दिनांक 06-10 2022 की सुबह 6 बजे के आस पास उसने बाबू सिंह तथा उसके नौकर राकेश को धान के खेत से करंट का तार लपेटते हुए देखा था। तहसील प्रशासन द्वारा प्रयागफार्म जहां मृतक का शव बरामद हुआ है, के आस पास तहसील की ओर से पीआरडी जवानो को रात्रि ड्यूटी हेतु लगाया गया था, जिनसे पूछताछ के दौरान यह बात प्रकाश में आयी कि घटना की रात्रि उनके द्वारा उक्त घटनास्थल के आस पास दो शराब तस्करों को रोका गया था, जिनमें से एक का नाम अमन था जो जंगल की ओर भाग गये थे।
अमन उपरोक्त को लाकर पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा घटनास्थल पर मिली नई चप्पल अपने खुद की होने की बात बतायी और यह बताया कि उस रात जब पीआरडी के जवान मेरा पीछा कर रहे थे तो मेरे आगे-आगे लकड़ी चोरी करके ला रहा एक व्यक्ति भागा था। मैं सीधे-सीधे रास्ते में भाग गया और वह व्यक्ति धान के खेतों की ओर भाग गया था। बाबू सिंह के नौकर राकेश को लाकर पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा अपने जुर्म का इकबाल करते हुए बताया कि मैं कृष्ण कुमार उर्फ बाबू सिंह का नौकर हूं। उसके खेतों की देखभाल करता हूं तथा टैक्टर भी चलाता हूं। हमारे धान के खेत में जानवर नुकसान पहुंचा रहे थे। बाबू सिंह के कहने पर मैंने अपने साथी सेमल विश्वास पुत्र रविन्द्र विश्वास निवासी खुर्पिया व विरेन्द्र पाल पुत्र उमाचरण निवासी उपरोक्त को अपने साथ बुलाकर बाबू सिंह के कहने पर खेत के चारो ओर तारों की फैन्सिंग लगाकर उस पर सीधे ट्रांसफार्मर से करंट छोड़ दिया। अगले दिन सुबह 4 बजे राकेश कोली ने खेत में करंट से एक आदमी को अधमरा देखकर अपने मालिक बाबू सिंह को फोन कर सारी बात बताई और सेमल विश्वास और विरेन्द्र पाल को भी मौके पर बुलाया। जिनके द्वारा मौके पर आकर ट्रासफार्मर से तार हटायी गयी और करंट लगे व्यक्ति शम्भू को बाबू सिंह के कहने पर धान के खेत से थोड़ा उपर बन्धे के किनारे ले जाकर दांव से तीनो ने उसके दोनो पैर जांघो के पास काट दिए तथा करंट के तार और दांव वहीं पास में छुपा दिए।
अभियुक्त राकेश कोली, सेमल विश्वास, विरेन्द्र पाल व कृष्ण कुमार उर्फ बाबू सिंह को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त 03 अदद आला कत्ल दांव व 02 बंडलो में क्रमशः बिजली के तार व फैन्सिंग तार घटनास्थल के पास से बरामद कराये गये। मुकदमा उपरोक्त में धारा 201/34 भादवि की बढोत्तरी की गयी।
पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक किच्छा धीरेन्द्र कुमार, थानाध्यक्ष पुलभट्टा कमलेश भट्ट, एसएसआई किच्छा गोविन्द सिंह मेहता, एसएसआई सुनील सुतेड़ी, एसआई ओमप्रकाश नेगी, राजेन्द्र पंत, बृजमोहन भट्ट, दिनेश भट्ट, विजय कुमार, कृष्ण गोपाल, मठपाल, हे.कां. राजहव कुमार, कां. गोविन्द, बृजमोहन सिंह, देवराज सिंह, आनंद नेगी तथा जगमोहन सिंह शामिल थे।