रवि सरना
गदरपुर (महानाद) : उत्तराखण्ड सियासत के मिथक को तोड़ते हुए शिक्षा मंत्री व क्षेत्रीय विधायक अरविन्द पाण्डेय गदरपुर विधानसभा क्षेत्र में तीसरी बार ‘कमल’ खिलाने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहे हैं।
नगर पालिका परिषद बाजपुर के अध्यक्ष पद से अपना राजनीतिक सफर प्रारम्भ कर अपने राजनीतिक जीवन में कोई भी चुनाव न हारने वाले अरविन्द पाण्डेय गदरपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनावी शंखनाद कर अपने द्वारा कराये गये विकास कार्यों के साथ डोर टू डोर जनसम्पर्क में जुटे हैं।
अरविन्द पाण्डेय वर्ष 1996 में बाजपुर पालिका अध्यक्ष, वर्ष 2002 व 2007 में बाजपुर से विधायक तथा वर्ष 2012 व 2017 में गदरपुर से विधायक निर्वाचित हुए हैं। क्षेत्र के प्रत्येक घर में चूल्हे तक पकड़ रखने वाले पाण्डेय की लोकप्रियता में निरंतर इजाफा हुआ है।
वहीं पिछले कई चुनावों से गदरपुर में हार का स्वाद चख रही कांग्रेस द्वारा अभी तक प्रत्याशी की घोषणा न किये जाने से कांग्रेस क्षेत्र में बैकफुट पर है। कांग्रेस में टिकट के दर्जनभर दावेदार होने के कारण प्रत्याशी चयन में पार्टी हाईकमान के पसीने छूट रहे हैं। क्योंकि प्रत्याशी चयन उपरांत उठने वाले आंतरिक तूफान को थामना पार्टी हाईकमान के लिए आसान नहीं होगा और इसका सीधा फायदा भी अरविन्द पाण्डेय को मिलेगा।
उधर, आम आदमी पार्टी ने जरनैल सिंह काली पर दांव खेला है। लेकिन काली द्वारा प्रत्येक विधानसभा चुनाव में पार्टी बदल लेने व मात्र चुनाव के समय प्रकट होने के चलते उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट देखी जा रही है।
अभी तक के सर्वे में पाण्डेय का पलड़ा काफी भारी है।