गोविन्द शर्मा
देवबंद (महानाद) : इस सनातन पौराणिक संस्कृति वाले देश की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को पिछले एक हजार साल में जिस प्रकार नष्ट किया गया, ऐसा उदाहरण दुनिया में कोई दूसरा नहीं मिलता है। अब देश की आजादी के सत्तर साल बाद एक हुतात्मा देशभक्त प्रधानमंत्री ने भारत माता की दर्द भरी आवाज को सुना और देश मे परिवर्तन की बयार को तूफान बना दिया है।
लगभग हजार वर्ष पूर्व देश को लूटने के इरादे से आये कुछ इस्लामिक लुटेरों ने सोने की चिड़िया के नाम से विख्यात इस देश को लूटा ही नहीं धीरे-धीरे देश पर कब्जा करते चले गए। यह सब यहां के राजाओं में आपसी बैर के चलते हुआ था। देश को लूटने के इरादे से आये इन लुटेरों ने धीरे-धीरे देश के कमजोर शासकों को आपस में लड़ाकर उनके राज्यों पर कब्जा करना प्रारम्भ कर दिया। नतीजा देश में कई लुटेरे शासकों के बाद मुगलों का शासन स्थापित हो गया।
भारत में कई सौ वर्षों तक अपने शासन में मुस्लिम शासकों ने अपने मजहब इस्लाम को बढ़ावा दिया और हिन्दू धर्म को समाप्त करने के लिए मन्दिरों में लूट करने के साथ उनको ध्वस्त किया और उनके पत्थरों से अनेक मस्जिद तथा अनेक मुस्लिम प्रतीकों का निर्माण कराया। कट्टर इस्लामिक मुगल बादशाहों ने तलवार के बल पर हिन्दू औरतों से शादी की और बड़ी संख्या मे धर्म परिवर्तन कराया। उसी समय के धर्म परिवर्तन किए भारतीय मुस्लिम आज भी देश की मुख्य धारा के विपरीत आचरण करते हैं। राम जन्मभूमि विवाद सहित अनेक विवाद उन्हीं बीते दिनों के उपजाये हैं।
मुगलों की सत्ता में आखरी कील अंग्रेजों ने भारत में अपने सौ साल के कार्यकाल में ठोकी और देश की हिन्दू संस्कृति को बचा लिया। यदि उस समय अंग्रेज अपने बुद्धिबल से देश के शासक न बनते तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि हिन्दू धर्म और संस्कृति बचती या नहीं। आजाद भारत की सत्ता सम्भालने वाली कांग्रेस भी हिन्दू विरोधी रही। क्योंकि उसकी आत्मा में भी इस्लाम बसा था, जो पिछले सत्तर वर्षों में अनेक बार देशवासियों के सामने आया है। इन सत्तर वर्षों में देश के इतिहास को बदल दिया गया और इतिहास से राम, कृष्ण, मीरा, सूरदास, तुलसी दास, कबीर और रहीम के अलावा शूरवीर महाराणा प्रताप, छत्रसाल, शिवाजी और झांसी की रानी जैसे वीर बलिदानी विभूतियों को हटाकर मुगल शासकों को महान बताकर दर्शाया गया। देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले भारत माता के सपूत चन्द्र शेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को बच्चों की पुस्तकों से हटवा दिया ताकि आनेवाली पीढ़ी केवल नेहरू और उनकी कांग्रेस को ही भारत आजद कराने का हीरो माने। इतना ही नहीं इन्होंने तो सच्चे भारत के सपूत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वह हकदार थे। इनको उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पसंद आये जिनको भारत में डर सताने लगा था।
आजादी के सत्तर वर्ष के बाद अब देश को भारत माता का एक ऐसा सपूत मिला है जो उसकी पिछले हजार वर्षों में लूटी गई सांस्कृतिक विरासत को पुनः स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले भारत माता के माथे के कलंक बाबरी ढांचे के स्थान पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण में अपनी सारी ऊर्जा लगाई, जो देशवासियों की आस्था का सबसे बडा प्रतीक है। इस मंदिर को 1258 में बाबर के सेनापति मीर बाकि ने ध्वस्त किया तथा लूटा था। इतना ही नही मोदी सरकार ने सबसे महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए सड़क योजना बनाकर उसको मूर्त रूप दिया है ।
नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में हिन्दू संस्कृति को बचाने तथा पूर्व में नष्ट किए गये धार्मिक स्थलों का जीर्णाेद्धार कराने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है । प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में बहरीन में 200 साल पुराने मंदिर का जीर्णाेद्धार कराया। आबूधाबी में वर्ष 2018 में पहले हिन्दू मंदिर की नींव धरी थी। वर्ष 2015 में यूएई की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को मंदिर के लिए भूमि आवंटित की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई त्रासदी में नष्ट क्षेत्र का जीर्णाे;ार कराया। इसके साथ ही मथुरा के केशव मंदिर, गुजरात का रुद्र मंदिर, अहमदाबाद का भद्रकाली मंदिर और विदिशा का विजय देव मन्दिर भी उन मन्दिरों मे है जिनका जीर्णाेद्धार कराया या कराया जा रहा है । काशी विश्वनाथ मंदिर को वर्तमान में अद्भुत स्वरूप 700 $ 339 करोड रुपये खर्च करके दिया जा रहा है। इस हिन्दू आस्था के प्रतीक को वर्ष 1669 में औरंगजेब ने तुड़वाया और लूटा था। इस मंदिर का जीर्णाेद्धार 1780 में रानी अहिल्या बाई होल्कर ने कराया था। गुजरात के सोमनाथ मन्दिर को महमूद गजनी से लेकर औरंगजेब तक कई लुटेरे शासकों ने लूटा तथा ध्वस्त किया। इसका जीर्णाेद्धार भी मोदी सरकार करा रही है। इतना ही नहीं कश्मीर में 1842 से बंद पडे पूजास्थलों में 212 का जीर्णाेद्धार कार्य चल रहा है। इसके साथ ही श्रीनगर का प्रतिष्ठित रघुनाथ मंदिर, अनन्तनाग का मार्तंड मंदिर, पाटन का शंकर गौरी मंदिर, श्रीनगर का पांद्रेथन मंदिर, अवन्तिपारा का अवन्ति स्वामी मंदिर व अवन्तिस्वरा मंदिर इन सबका जीर्णाेद्धार चल रहा है।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां भारत की विरासत हिन्दू संस्कृति की रक्षा की है। वहीं देशवासियों के लिए अनेक लाभकारी योजनाओं को भी दिया है। इन योजनाओं में कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार से हैं – प्रधानमंत्री फ्री सिलाई मशीन योजना, सड़क दुर्घटना सहायता योजना, श्रमिक कार्ड योजना, दाह-संस्कार के लिए आर्थिक सहायता, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, विकलांग पेंशन, उच्च शिक्षा के लिए सहायता योजना, भवन मरम्मत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, विधवा व वृद्ध पेंशन योजना, स्वच्छ भारत मिशन और पांच लाख रुपये तक निःशुल्क चिकित्सा योजना आदि।
देश को पुनः हिन्दू धर्म और संस्कृति की पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ण उर्जा और शक्ति लगायी है तो दूसरी और भारत को विश्व शक्ति के रूप में भी स्थापित किया है।