काशीपुर : जीबी पंत कॉलेज में प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य में फिर टकराव, एक-दूसरे पर लगाये आरोप

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पं. गोविन्द बल्लभ पंत इंटर (जीबी पंत) कॉलेज प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों के बीच हो रहे टकराव से कॉलेज के छात्र/छात्राओं की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। ताजा विवाद में प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

पं. गोविन्द बल्लभ पंत शिक्षा समिति की प्रबंध समिति की अध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि समिति के प्रबंधक एसके शर्मा द्वारा जीबी पंत के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को सस्पेंड कर दिया गया है। कौशिक अक्सर विवाद करता रहता है और धोखाधड़ी के कार्यों में लिप्त है। इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है।

बृहस्पतिवार को अपने निलंबन से आग बबूला होकर अजय शंकर कौशिक ने उनके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया और एक भाजपा नेता को फोन कर दिया। जिस पर भाजपा नेता 30-40 लोगों को लेकर कॉलेज में घुस आए और उनके साथ साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर धक्का-मुक्की की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने पुलिस से कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

वहीं, जीबी पंत कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि बृहस्पतिवार सुबह 7.30 बजे जब वे कॉलजे पहुंचे तो कॉलेज के गेट पर दो गनमैन खड़े थे, उन्होंन उनसे पूछा कि यहां कैसे खड़े हो तो उन्होंने उनसे कहा कि हमें तेरा इलाज करने के लिए भेजा गया है। जिसके बाद वे अपने ऑफिस में जाकर बैठ गए। थोड़ी देर में ही समिति के प्रबंधक एसके शर्मा अपने आफिस में पहुंचे और लगभग 10 बजे वहां नीरज आत्रेय अपने साथियों के साथ पहुंचे और विद्यालय में कार्यरत सोनू कुमार के साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगे।

कौशिक ने बताया कि जब वह हंगामें का शोर सुनकर अपने ऑफिस से बाहर आये तो उन लोगों ने उनका गिरेबान पकड़कर उनके साथ मारपीट शुरु कर दी और उनके ऑफिस में ले जाकर जान से मारने की बात कहने लगे। शोरगुल सुनकर छात्र व शिक्षक एकत्र हुए तो वे वहां से बचकर निकले।

आपको बता दें कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत इंटर कॉलेज में प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। प्रबंध समिति ने पहले भी प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को सस्पेंड कर दिया था लेकिन शिक्षा विभाग ने उसके सस्पेंशन को गलत मानते हुए उन्हें उनके पद पर बैठा दिया था और प्रबंध समिति का चुनाव न होने के कारण समिति को अवैध माना था। अब जब प्रबंध समिति के चुनाव हो चुके हैं तो प्रबंधक एसके शर्मा ने फिर से प्रधानाचार्य को सस्पेंड कर दिया है।

अब देखना है कि प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य के बीच का टकराव आगे क्या रंग लाता है। परिणाम कुछ भी हो लेकिन छात्रों की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

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