देहरादून। प्रदेश में सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर प्रदेश सरकार अत्यधिक दबाब में है। इसके चलते सरकार ने प्रदेश के चार जिलों में जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की जांच के आदेश राजस्व सचिव को दिये हैं।
मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं इस जांच के आदेश प्रदेश के राजस्व सचिव एस. एन. पाण्डेय को दिये हैं। उन्होंने फिलवक्त प्रदेश के चार जिलों अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी और पौड़ी जिले में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद-फरोख्त की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
बताते चलें कि मुख्यमन्त्री श्री धामी ने कुछ दिनों पूर्व एक प्रेस कान्फ्रेस में कहा था कि प्रदेश में बाहरी लोगों के लिए भूमि की खरीद की सीमा 250 वर्ग मीटर है लेकिन शिकायतें मिली है कि कई बाहरी लोगों द्वारा अपने परिवार के अन्य लोगों के नाम पर भी जमीनें खरीदी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बाहर के जिन लोगों ने व्यवसायिक उपयोग हेतु 12.50 एकड़ या उससे अधिक भूमि की खरीद फरोख्त की है और उसका प्रयोजन के अनुसार उपयोग नहीं किया है तो उन खरीददारों पर भी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा था कि इस प्रकार की अवैध जमीनों को सरकार में निहित कर दिया जायेगा।
उन्होंने अब प्रदेश के राजस्व सचिव को आदेशित कर उक्त सम्बन्ध में उपरोक्त जिलों से बाहरी लोगों द्वारा खरीद की गयी 12.50 एकड़ से अधिक जमीन के उपयोग का तथा बाहरी लोगों द्वारा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम खरीदी गयी जमीन का ब्यौरा मांगा है। ज्ञातव्य है कि प्रेस कान्फ्रेस मंे मुख्यमन्त्री ने कहा था कि ़ित्रवेन्द्र सरकार के समय भू-कानून में जो बदलाव किये गये थे उनके अधिक सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिले हैं।
उन्होंने प्रदेश की जनता से यह वायदा भी किया था कि वे बजट सत्र में प्रदेश में सशक्त भू-कानून लायेंगे। उक्त निर्देशों से साथ ही मुख्यमन्त्री धामी ने भूमि बन्दोबस्त और चकबन्दी अभियान में भी तेजी लाने को कहा है। बताया तो यह भी जा रहा है कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर आरक्षित वर्ग की जमीनों को सुनियोजित और गुपचुप ढंग से बेचने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। मुख्यमन्त्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रारूप समिति को तेजी से काम करने के निर्देश दिये हैं।