आईपीएस रूपा : 20 साल में 40 ट्रांसफर, कर चुकी हैं मुख्यमंत्री को गिरफ्तार

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महानाद डेस्क : ऐसे तो बहुत से अधिकारी होते हैं जिन्हें पद और मौके दोनों मिलते हैं लेकिन अपने पद का सही इस्तेमाल कर गलत के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत कुछ अधिकारी ही दिखा पाते हैं। ज्यादातर अधिकारियों को अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाने का फल ट्रांसफर के रूप में मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे ही आईपीएस अधिकारी के बारे में बता रहे हैं जिन्हें हर 6 महीने में ट्रांसफर/पोस्टिंग आर्डर मिल जाते हैं। 20 साल के करियर में उनके 40 ट्रांसफर हो चुके हैं।

आईपीएस रूपा कर्नाटक कैडर की 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वे प्रदेश की पहली महिला होम सेक्रेटरी हैं। कुछ ही दिन पहले उनका ट्रांसफर राज्य के गृह विभाग से हैंडलूप एम्पोरियम में किया गया है, क्योंकि उन्होंने एक बड़े अधिकारी के कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। रूपा कहती हैं कि यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी उनके साथ ऐसा हो चुका है। वे जब भी किसी के खिलाफ आवाज उठाती हैं, तो उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। चाहें जेल में बंद एआईडीएमके की नेता शशिकला हों या साल 2003-2004 के दौरान मध्यप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार करने का हो, बहुत बार उनकी कार्यशैली के खिलाफ सवाल उठते रहे हैं।

विदित हो कि रूपा बेंगलुरु के सेफ सिटी प्राॅजेक्ट का काम देख रही थी जिसमें उन्होंने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत निंबालकर पर टेंडर प्रोसेस में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। जिसकी वजह से उनका वहां से ट्रांसफर कर दिया गया। अब वे राज्य के हैंडलूम एम्पोरियम का कामकाज देखं रही हैं।

रूपा की यूपीएससी परीक्षा में आॅल इंडिया 43वीं रैंक आई थी जिसके बाद उन्हें आईएएस पद पर नियुक्ति मिली पर वह आईपीएस बनना चाहती थी, इसलिए उन्होंने आईएएस छोड़ आईपीएस चुना। जिसमके बाद उनका 20 साल की नोकरी में 40 बार ट्रांसफर हो चुका है।

बता दें कि रूपा एक बेहतरीन भरतनाट्यम डांसर भी हैं तथा भारतीय संगीत की ट्रेनिंग भी ली हैं। उन्होंने बयालाताड़ा भीमअन्ना नामक कन्नड फिल्म में प्लेबैक सिंगर के रूप में एक गाना भी गाया है। रूपा एक बेहतरीन शार्प शूटर भी हैं, जिसके लिए उन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिल चुके हैं। रूपा की शादी आईएएस अधिकारी मुनीश मुद्गील से वर्ष 2003 में हुई थी। रूपा की छोटी बहन रोहिणी दिवाकर भी 2008 बैच की आईआरएस अधिकारी हैं।

रूपा का कहना है कि ट्रांसफर होना सरकारी नौकरी का हिस्सा है। रूपा ने जितने साल नौकरी की है उसके दोगुनी बार उनका ट्रांसफर हो चुका है। रूपा जनती हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना विवाद और जोखिम का काम है। इसके चलते ही उनका ट्रांसफर भी होता रहता है, लेकिन वे हिम्मत नहीं हारती और न ही अपने काम करने के तरीके को बदलती हैं।

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