काशीपुर (महानाद) : जनवरी 2021 माह का राशिफल : पं. गोविन्दराम की कलम से
मेष (चू, चे, चै, ला, ली, लू, ले, लो, अ): राशि स्वामी मंगल इसी राशि पर होने से धन लाभ एवं उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों के साथ संपर्क बनेंगे। परन्तु अष्टमष्थ केतु पर मंगल की दृष्टि के कारण स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। चोटादि का भय है।
उपाय – मंगलवार को बजरंग बली जी का चोला चढ़ायें एवं बजरंग बाण का नित्य पाठ करें, शुभ रहेगा।
वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो): राशि स्वामी शुक्र ता. 4 से 28 तक अष्टमस्थ रहने से बनते कार्यों में विघ्न बाधाओं का सामना रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी विशेष सावधानी बरतें। खर्च भी बढ़-चढ़ कर रहेगा।
उपाय – ता. 14, मकर संक्रान्ति के दिन संकल्पपूर्वक पंचांग का दान करें, शुभ रहेगा।
मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह): ता. 4 से 25 जनवरी तक राशि स्वामी बुध अष्टमस्थ गुरु-शनियुक्त संचार करने से व्यवसाय में भागदौड़ एवं खर्च अधिक रहेगा। स्वास्थ्य में विकार का भय है। किसी निकट बंधु से मतान्तर हो।
उपाय – मकर संक्रांन्ति को गर्म वस्त्र एवं तिलों का दान करें, शुभ रहेगा।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो): मासारंभ से गुरु-शनि की शुभाशुभ दृष्टियां पड़ने से मिरित प्रभाव रहेंगे। पराक्रम एवं उत्साह में वृद्धि होगी। परिवार में किसी शुभ कार्य पर खर्च होगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। मानसिक तनाव एवं क्रोध की भावना अधिक रहेगी।
उपाय – सूर्य को अघ्र्य दें एवं मोती रत्न धारण करें, शुभ रहेगा।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे): सूर्य पंचमस्थ होने से धन लाभ एवं भाग्योन्नति के विशेष अवसर मिलेंगे। ता. 14 से सूर्य षष्टस्थ शनि-गुरु-बुध युक्त होने से आकस्मिक धन व्यय, परंतु अत्यंत कठिनाई से ही निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय – नित्य 21 दिन तक अथर्व शीर्ष का पाठ करें, शुभ रहेगा।
कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो): इस राशि पर गुरु की दृष्टि तथा ता. 5 से बुध पंचमस्थ गुरु-शनि के साथ होने से किसी नवीन कार्य की योजना बनेगी। परंतु अड़चनों के कारण कार्य रूप देने में विलंब होगा। धार्मिक कार्याें में रुचि बढ़ेगी और विदेश से शुभ समाचार मिलेगा। मासांत में बनते कार्य में विघ्न और आर्थिक परेशानी होगी।
उपाय – नित्य प्रति राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।
तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते): शनि की ढैया के कारण घरेलु उलझनों से तनाव रहेगा। मासांत में रुके हुए कार्यों में कुछ सफलता प्राप्त होगी। निर्वाह योग्य धन प्राप्ति के साधन बनेंगे। व्यवसाय में संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना रहेगा।
उपाय – नित्य शनि चालिसा का पाठ करें, मंगलवार को हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ायें, शुभ रहेगा।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू): इस राशि पर केतु का संचार तथा मंगल की दृष्टि होने से पारिवारिक एवं आर्थिक उलझनों के कारण मन परेशान रहेगा। कठिन हालात के बावजूद धन प्राप्ति के कुछ साधन बनेंगे। परिवार में कुछ मनमुटाव होगा। व्यवसायिक कार्यों में अड़चनों का सामना होगा। किसी मांगलिक कार्य पर धन खर्च होगा।
उपाय – काली चीजों का दान करें तथा लहसुनिया रत्न धारण करें, शुभ रहेगा।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा): राशि स्वामी गुरु नीचस्थ तथा शनि साढ़े साती का प्रभाव होने से कार्य व्यवसाय में आर्थिक उलझनें बढ़ेंगी। शरीर कष्ट और चोटादि का भय रहेगा। ता. 14 से सूर्य भी द्वितीयस्थ गुध-गुरु-शनि आदि ग्रहों के साथ होने से व्यवसाय में अत्यंत कठिन परिश्रम एवं संघर्ष के पश्चात ही निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे।
उपाय – पीली चीजों का दान करें, कनक धारा स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।
मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी): गुरु-शनि का संचार इस राशि पर रहने से धर्म कर्म में रुचि बढ़ेगी। अत्यधिक खर्च बढ़ने से घरेलु उलझनें बढ़ेंगी। आरंभ में संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना रहेगा। परिवार में व्यर्थ का तनाव और खर्च की अधिकता रहेगी।
उपाय – हनुमान जी को 3 मंगवार को 108.108 लौंग की माला चढ़ायें, शुभ रहेगा।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): शनि की साढ़े साती से अड़चनों के बावजूद धन प्राप्ति के साधन बनते रहेंगे। किसी श्रेष्ठ व्यक्ति से संपर्क होगा। सवारी आदि सुखों पर धन खर्च रहेगा। विदेश यात्रा का भी योग बन रहा है।
उपाय – गणेश जी को 21 दिनों तक मोदक चढ़ायें, शुभ रहेगा।
मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची): राशि स्वामी गुरु लाभ स्थान पर (नीचस्थ) शनियुक्त होने से अत्यंत कठिन परिश्रम से निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। खर्चों की अधिकता से मानसिक तनाव रहेगा। उत्तरार्द्ध भाग में धन लाभ एवं किसी मित्र की सहायता से कोई रुका हुआ कार्य बनेगा।
उपाय – विष्णु सहस्र नाम का नित्य पाठ करें, शुभ रहेगा।