जसपुर : अनदेखी से नाराज आम आदमी पार्टी के दो कद्दावर नेता लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

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पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद): आम आदमी पार्टी से डॉ. यूनुस चौधरी के प्रत्याशी घोषित होते ही पार्टी को जसपुर में पहचान दिलाने वाले आप के दो कद्दावर नेता नाराज हो गये हैं और उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए सबसे पहले लगातार दो साल मेहनत करने वाले व पार्टी को जसपुर विधानसभा में जन्म देने वाले सरदार सूबा सिंह ने बताया कि पार्टी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। वह सिख समाज से हैं और जमीन से जुड़े हुए किसान नेता हैं।
सूबा सिंह ने बताया कि जिस नीतियों को लेकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में चुनाव लड़ने उतरी थी वह उससे भटक चुकी है और उद्योगपतियों कि जेब में बैठ गयी है। किसी भी (आम आदमी) को पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी भी भाजपा, कांग्रेस की नीतियों पर ही चल रही है। उन्होंने कहा कि जसपुर विधानसभा से मुस्लिम व हिन्दू समाज को चुनाव लड़ने का मौका काफी बार मिल चुका है और सिख समाज से पहली बार कोई सरदार आगे आया था।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने सिख समाज को आगे नहीं आने दिया। जिसके कारण सिख समाज व उनके समर्थको में भारी रोष है। जिसके कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सरदार सूबा सिंह ने बताया कि बसपा, सपा, ओवैसी, एसएसपी, जैसी कुछ राजनीतिक पार्टियां लगातार उनसे संपर्क कर रही हैं। अपने समर्थकों से बात कर निर्दलीय अथवा पार्टी के बैनर पर चुनाव लड़ने का जल्द ही निर्णय लेंगे।
उधर, जसपुर में आम आदमी पार्टी को जसपुर में पहचान दिलाने वाले दूसरे कद्दावर नेता अजय अग्रवाल ने भी आज प्रेस वार्ता आयोजित कर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।
प्रेस वार्ता के दौरान अजय अग्रवाल ने आम आदमी पार्टी की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पार्टी उत्तराखंड की जनता से कोरे वादे करने में लगी हुई है। चाहें 300 यूनिट बिजली फ्री की बात हो या हर महिला को 1000 रुपये महीना देने का वादा, सत्ता पाने के लिए केवल झूठे वादें हैं।
अजय अग्रवाल ने कहा कि वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन्होंने हमेशा से ही समाजसेवा की है। कोरोना काल में उन्होंने खाना, कूलर, पंखें, दान किये हैं। महिलाओं को सिलाई मशीनें तो गरीबों को कंबल बांटे हैं। उन्हें जनता ही चुनाव लड़वायेगी और निर्दलीय के तौर पर जनता ही उन्हें जितायेगी।

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