पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : जनपद उधम सिंह नगर की जसपुर विधानसभा क्षेत्र का किसान लगातार नर्वस होता नजर आ रहा है। अपने खून पसीने की मेहनत से उपजाई धान की फसल को बेचने सरकारी कांटों पर जाते हैं तो अधिकारियों की दुत्कार नजर आती है और अधिकारियों की दुकान से बचने के लिए राइस मिलों पर जाए तो पोर्टल ना चलने की बात कह कर किसानों को इधर-उधर दौड़ाते नजर आ रहे हैं। तो ऐसे में किसान जाए तो कहां जाए, बड़ा ही सोचनीय प्रश्न है?
आपको बता दें कि विगत 2 अक्टूबर से सरकार के आदेशानुसार पूरे जनपद में धान खरीद टोल सेंटर लगाए गए, जिस पर खेत में पकी खड़ी फसल को किसान काट कर टोल सेंटर पर ले जा रहे हैं लेकिन सरकारी तंत्र में लगातार एक के बाद एक नई खामियां आने के कारण उसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों एवं कार्यालय में तैनात अधिकारियों द्वारा किसान को दुत्कारने के मामले भी सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला कल जसपुर के वरिष्ठ विपणन कार्यालय में देखने को मिला। जब अपनी समस्या को लेकर कल्याणपुर निवासी किसान गुरविंदर सिंह वरिष्ठ विपणन कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में तैनात मार्केटिंग इंस्पेक्टर दीक्षा मिश्रा जो पहले दिन ही कार्यालय पहुँची थी कि किसान से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और अधिकारी ने अपना रौब दिखाते हुए किसान को अशोभनीय शब्दो का प्रयोग कर कार्यालय से बाहर निकालने की धमकी देकर भगा दिया।
घटना की सूचना पाकर धान खरीद टोल सेंटर पर घूम रहे भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष अमनप्रीत सिंह ने मार्केटिंग इंस्पेक्टर दीक्षा से वार्ता की तो वे अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के सामने किसानों पर आग बबूला हो गयीं और अपने ही मोबाइल से वीडियो बनवा कर धमकियां देती नजर आईं। वहीं घटना की कवरेज कर रहे मीडियाकर्मी को भी अमर्यादित शब्दों से नवाजने लगीं। जिस पर गुस्साये किसानों ने कार्यालय गेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर जसपुर तहसीलदार को लिखित शिकायत पत्र सौंपते हुए उपरोक्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
अब देखने की बात है कि अन्नदाता किसान कब तक अपनी फसल बेचने को लेकर दर-दर की ठोकर खाता रहेगा? क्या उसे उसकी फसल का सही मूल्य मिल पाएगा, क्योंकि अब तक पोर्टल सही से कम न करने की बात अधिकारी भी कह रहे हैं, मिल संचालक भी कह रहे हैं, लेकिन यह दिक्कत कहां से आई इसका समाधान क्या होगा यह किसी को पता नहीं।