रिम्पी बिष्ट
लालकुआं (महानाद) : कोरोना काल में सर्वाधिक मार झेल रहे गरीब वर्ग को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। साप्ताहिक हाट बाजार में अपना कारोबार कर अपने तथा परिवार का गुजर-बसर करने वाले लोगों को कब उनकी आजीविका सुलभ होगी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है। आज अधिशासी अधिकारी द्वारा हाट बाजार खोले जाने के संबंध में प्रशासन को दिए गए प्रार्थना पत्र पर स्वीकृति नहीं मिली है। इसको लेकर गरीब वर्ग के अंदर फिर से मायूसी देखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मार्च के बाद से ही कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हाट बाजार बंद कर दी गई थी। इसके अलावा भी लाॅकडाउन में केवल मेडिकल स्टोर को छोड़कर लगभग सभी दुकानें बंद थी। अनलाॅक के बाद धीमे-धीमे व्यवस्था पटरी पर आ गई। उम्मीद की जा रही थी कि हाट बाजार भी गुलजार होगा और लोगों को जहां सस्ता सामान मिलेगा। वहीं गरीब वर्ग को उसकी आजीविका भी मिलेगी, लेकिन गरीब वर्ग की उम्मीदों पर आज फिर तुषारापात हुआ है।
अधिशासी अधिकारी राजू नाबियाल द्वारा इस संदर्भ में प्रशासन से अनुमति लेने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन इस पर कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई है। जिससे एक बहुत बड़ा तबका जो 9 महीने से रोजी-रोटी खो चुका है। उसकी उम्मीदों पर मायूसी का ग्रहण लग गया है। साप्ताहिक हाट बाजार में कारोबार कर अपना तथा अपने बच्चों का भरण पोषण करने वाले इस गरीब तबके की उम्मीदों में छाया कुहासा कब हटेगा इस पर कुछ भी कह पाना जल्दबाजी है।