काशीपुर : आप नेता दीपक बाली ने शुरु की पदयात्रा, मिला भारी जनसमर्थन

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : राजनीति करने नहीं राजनीति बदलने और उत्तराखंड नवनिर्माण का सपना लेकर 20 वर्षों से विकास के लिए छटपटा रहे काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के नव निर्माण के सपने को लेकर पदयात्रा पर निकले आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली जनता के लिए 15 दिन के राजनीतिक वनवास पर निकल पड़े।
उत्तर प्रदेश से मिलती हुई सीमा के काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर के ग्राम पैगा पहुंचे दीपक बाली का ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पदयात्रा की थी विदेशियों के विरुद्ध, मगर घोर आश्चर्य कि दीपक बाली को यह पद यात्रा करनी पड़ रही है अपने ही देश और प्रदेश की सत्ता पर कुंडली जमाए बैठे उन नेताओं के विरुद्ध जिन्होंने काशीपुर को पिछले 20 वर्षों में विकास के मामले में बद से बदतर स्थिति में पहुंचा दिया।
बाली ने गाँव के टूटे-फूटे खंडहर नुमा स्कूल में गांव की सबसे बुजुर्ग और गरीब महिला के चरण छूकर आशीर्वाद ले काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के सोए भाग्य को जगाने हेतु अपनी काशीपुर नव परिवर्तन पदयात्रा की शुरूआत की। ग्रामीणों का हाल यह कि हर कोई आश्चर्यचकित कि यह हो क्या रहा है? क्योंकि अब तक तो उन्होंने यही देखा है कि नेता आए और झूठे वादे करके वोट लेकर चले गए मगर 5 वर्षों तक विकास के नाम पर उन्होंने कुछ करना तो दूर पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। उन्हें ऐसा नजारा पहली बार नजर आया कि देश की राजधानी के विकास मॉडल को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दीपक बाली के नेतृत्व में यहां आ पहुंचे हैं। विकास के मामले में पूरी तरह अछूती रही जनता से उनका साफ कहना है कि जिन्हें 20 वर्षों तक वोट देकर भी विकास नहीं मिला इस बार उन्हें कह दो कि हमें माफ कर दो और एक बार केजरीवाल के इन विकास दूतों पर विश्वास कर लो। विकास ना हुआ तो दोबारा वोट मांगने नहीं आएंगे।
बाली ने कहा कि कैमरों की निगाह उन टूटी सड़कों पर है जो वर्षों से बनी नहीं या बनते ही टूट गई। नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है और स्ट्रीट लाइट तो जैसे लगी ही नहीं। स्कूल का हाल बूचड़खाने से भी बदतर। उसमें बच्चे पढ़े भी तो कैसे? अस्पताल जैसी चीज तो जैसे है ही नहीं। जीर्णाेद्धार के बावजूद यहां का सरकारी अस्पताल बदहाल है। जिसमें शौचालय व बाथरूम तो बने हैं मगर उन पर न दरवाजे हैं और न अंदर कोई सीट लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि 8 दिन में केवल एक महिला स्वास्थ्य कर्मचारी आती है। इस बीच यदि गांव का कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। बाथरूम वर्षों से लग रही सीरिंज और नीडिल के मलबे से भरा है। घर के बाहर बैठी बूढ़ी मां कह रही है कि बहुत आश्वासन मिले मगर पेंशन आज तक नहीं आई।
ग्राम वासी गोपाल को अफसोस है कि उसके बच्चे अच्छे स्कूलों में नहीं पढ़ पा रहे। यही दर्द दूसरे ग्रामीणों का भी है। दीनानाथ सहित अनेक ग्रामीणों का दर्द है कि उनकी बिजली का बिल बहुत अधिक आया है। गांव का बीमार अल्लादीन मजबूर है कि इलाज कराए तो कहां कराए? कहने को देश और प्रदेश अपना मगर हमारे चुने हुए नेताओं का व्यवहार परायों से भी बदतर। सत्ता की मलाई तो चाट रहे हैं मगर जनता के लिए न विकास की कोई योजना है और न उस योजना के लिए पैसा और सोच। राजा महाराजाओं के पास भी उनके नौ-नौ रत्न होते थे मगर विधायक महोदय के पास तो ले दे कर बीस सालों से ठेकेदार भी एक ही है। वह चाहें स्याह करें या सफेद। विधायक जी को कोई चिंता नहीं। यह भी भ्रष्टाचार का एक तरीका है। वरना विधायक जी बताएं कि एक के चक्कर में दूसरे गरीब ठेकेदारों के पेट पर क्यों लात मारी गई? वे बेचारे भी अपना घर परिवार चला लेते और कंपटीशन के चलते बेहतर काम करते।
गांव की चौपाल और गली-मोहल्लों में दीपक बाली को बेबस व परेशान ग्रामीण अपनी समस्याओं से इस तरह अवगत करा रहे हैं जैसे मुंशी प्रेमचंद की कोई दर्द भरी कहानी सुना रहे हों। माताओं और बहनों तथा ग्रामीणों से सब कुछ सुनने के बाद बाली एक ही बात कहते हैं कि बहुत हो चुका अब जागो और दिल्ली की तरह आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड को भी चमकाने का मौका दो। बिजली पानी फ्री मिलेगा, माताओं-बहनों को पेंशन मिलेगी, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और रोजगार न मिलने तक आम आदमी पार्टी की सरकार हर युवा को नौकरी लगने तक 5,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देगी। अब जाति कुछ भी हो मगर बुजुर्गों को उनके धर्म के अनुसार तीर्थ स्थलों की मुफ्त यात्रा कराई जाएगी। न सड़कें बुरी रहेंगी और न नालियां।

बाली ने कहा कि आपके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ेंगे और आप को मुफ्त और बेहतर इलाज मिलेगा। बस एक बार उत्तराखंड में भी इस बार केजरीवाल के नारे को बुलंद कर दो। हम विकास ना कर पाए तो अगली बार हमें वोट मत देना और ना हम वोट मांगने ही आएंगे। इस बार ना जाति को देखना और ना धर्म को। केवल काम करने की राजनीति पर विश्वास करना। राम और रहीम को लड़ाने वालों से सावधान होकर केवल झाड़ू का बटन दबाकर काम ना करने वाले नेताओं का सफाया कर देना। फिर देखो कैसे चमकता है उत्तराखंड।
बाली ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि प्रशासन खुद चलकर आपके काम करने आपके दरवाजे पर आएगा। वे साफ कहते हैं कि मैं घर उजाड़ने नहीं बसाने आया हूं इसलिए इस बार चुनाव में न किसी को शराब बांटने दूंगा और न खुद शराब बाटूँगा। मेरा चुनावी अंजाम क्या होगा यह मेरी माता और बहनों को तय करना है। केवल काम के नाम पर वोट मांगने आया हूं।
वे समझाते हैं कि चुनावों में बंटने वाली शराब और चंद रुपयों के लालच ने ही तोआज काशीपुर क्षेत्र की यह दुर्दशा करदी है। इतना सुनते ही महिलाएं गदगद हो उठती हैं और तालियों की गड़गड़ाहट से दीपक बाली की इस बात का स्वागत करती है। लगता है ग्रामीण पुरुषों को भी दीपक बाली की बात समझ में आ जाती है और वे भी इस बार उनकी हां में हां का सिर हिला कर अपना समर्थन देते हैं। ग्रामीणों से मिली सभी जन समस्याओं को मुख्यमंत्री समस्या निदान पोर्टल पर डालकर आम आदमी पार्टी का यह काफिला पैगा खुर्द गांव में ही रुकता है और रात में भी चौपाल पर बैठकर लोगों का दुख दर्द साझा करता है और दीपक वाली रात इसी गांव में गुजारते हैं।
आज पदयात्रा शुरू करते समय बाली के साथ उनकी धर्मपत्नी उर्वशी बाली पदयात्रा के संयोजक एवं पार्टी के जिला अध्यक्ष मुकेश चावला, जिला उपाध्यक्ष अमन बाली, अभिताभ सक्सेना, पूर्व तहसीलदार मनोरथ लखचोरा, विजय शर्मा, नीलकमल शर्मा, पवित्र शर्मा, आकाश मोहन दीक्षित, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष गीता रावत, महानगर अध्यक्ष उषा खोखर, रजनी ठाकुर सहित पार्टी के अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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