विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : इंडसइंड बैंक के यूनिट मैनेजर ने एक फील्ड स्टाफ पर बैंक के 12 लाख 31 हजार 179 रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। लगभग 7 महीने बीतने के पश्चात कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
इंडसइंड बैंक के यूनिट मैनेजर अजय कुमार ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, काशीपुर की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया कि वह भारत फाइनेंसियल इन्क्लूजन लि. कम्पनी (इंडसइंड बैंक) शाखा काशीपुर में यूनिट मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कम्पनी का मुख्य कार्य गरीब व जरूरतमन्द महिलाओं को छोटे लोन देकर आसान किश्तों में साप्ताहिक वसूली करना है।
अजय कुमार ने बताया कि कम्पनी की उपरोक्त शाखा में वरुण कुमार पुत्र वीर सिंह निवासी ग्राम पट्टी, अशोकपुर, थाना भोट, जिला रामपुर, फील्ड स्टाफ के पद पर कार्य कर रहा था। वरुण कुमार का कार्य कम्पनी के लोन मेम्बरों को लोन उपलब्ध कराना तथा लोन का साप्ताहिक कलेक्शन करना था। वरुण कुमार ने कम्पनी की काशीपुर शाखा के अलग-अलग सेंटरों के लोन से प्राप्त रुपयों (लोन कलेक्शन तथा प्रीपेमेंट) को कम्पनी में जमा नहीं किया और कंपनी के 12,31,179/- रुपये हड़प लिये।
अजय कमार ने बताया कि जब उन्होंने सेंटरों का भ्रमण किया तो उन्हें इस बात का पता चला। जब उन्होंने वरुण कुमार से सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उक्त पैसे उसके पास हैं। तब उन्होंने वरुण कुमार के पिता वीर सिंह से भी बात कर कम्पनी का रुपया जमा करने को कहा। दिनांक 31-5-2023 को वेरिफिकेशन के दौरान वरुण कुमार बिना किसी सूचना के ब्रांच ऑफिस से चला गया। जिस पर उन्होंने इसकी सूचना वरुण कुमार के पिता को फोन कर के दी।
अजय कुमार ने बताया कि उपरोक्त विषय में कम्पनी द्वारा वरुण कुमार को एससीएन नोटिस तथा इंक्वायरी नोटिस भी जारी किए गए परंतु वह नहीं आया और ना ही पैसा जमा किया। जब वे वरुण कुमार के घर गये तो उसके पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों ने उसके साथ गाली गलौज करते हुए कम्पनी का पैसा मांगने पर भुगत लेने की धमकी दी और कहा कि आगे से यहां आया या कोई कानूनी कार्यवाही की तो अंजाम बुरा होगा।
अजय कुमर ने कोर्ट से कानूनी कार्रवाई कर कंपनी का पैसा वापिस दिलवाने की गुहार लगाई। जिस पर कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी रुण कुमार और उसके पिता वीर सिंह के खिलाफ धारा 406, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई कंचन पडलिया के हवाले की है।