काशीपुर : 9 साल से इंसाफ के लिए भटक रही अर्पित अग्रवाल की पत्नी, अनूप अग्रवाल पर लगाये कई आरोप

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : 9 साल से अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए भटक रही पत्नी ने सोशल मीडिया पर प्रेस नोट भेजकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

पत्रकारों को संबोधित सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में स्व. अर्पित अग्रवाल की पत्नी रूपाली अग्रवाल ने लिखा है –

सम्मानित पत्रकार बंधुओं ।
मैं रुपाली अग्रवाल स्वर्गीय महेश कुमार अग्रवाल के बेटे स्वर्गीय अर्पित अग्रवाल की पत्नी हूं जिनके तहेरे भाई अनूप अग्रवाल द्वारा असहनीय और शर्मनाक ढंग से उत्पीड़न कर समाज में बनाया गया तथाकथित भय और खौफ का माहौल हालांकि पूर्ण रूप से तो अनूप अग्रवाल के विरुद्ध कड़ी करवाई होने के बाद ही समाप्त हो पाएगा लेकिन अभी यह कम जरूर हुआ है। जिस कारण अब मैं भी अपनी बात आपके माध्यम से बताने का साहस जुटा रही हूं। मुझे इसके खौफ के कारण आज तक 9 सालों में न्याय नहीं मिल पाया है और मैं एक गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे संकट की घड़ी में आप पत्रकार बंधु मेरी बात को भी शासन-प्रशासन और जनसाधारण तक पहुंचाने में मेरी मदद करेंगे। मैं आपकी सदैव आभारी रहूंगी।

आदरणीय बंधुओं, अनूप अग्रवाल का चाल, चरित्र और चेहरा किसी से छिपा नहीं है। उसने नगर व क्षेत्र के लोगों के साथ जो दुर्व्यवहार किया है वह सब, समाज के लोग भली भांति जानते हैं। इसने समाज के लोगों का तो उत्पीड़न किया ही साथ ही अपने सगे चाचा के परिवार को बर्बाद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अनूप अग्रवाल सन 2011 से हमारे परिवार को बर्बाद करने में लगा है। मेरे ससुर ने भी आत्महत्या नहीं की थी उनकी मृत्यु में भी अनूप अग्रवाल के परिवार द्वारा पारिवारिक संपत्तियों में की गई बेईमानियां ही जिम्मेदार थी।

रूपाली अग्रवाल ने लिखा है कि 17 जून 2014 को मेरे पति अर्पित अग्रवाल की हत्या के संबंध में हुई प्रथम एसआईटी जाँच की रिपोर्ट भरसक प्रयास के बावजूद आज तक उपलब्ध नहीं हो पायी है और दोबारा हुई एसआईटी जाँच में भले ही अनूप अग्रवाल व उसके परिवार को क्लीन चिट मिल गई हो परंतु फिर भी उक्त घटना में अनूप अग्रवाल एवं परिवार की भूमिका संदेह के घेरे में है। यदि ऐसा नहीं है तो फिर अनूप अग्रवाल जांच से क्यों भागते रहे? साथ ही मेरे द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री से कराए गए सीबीआई जांच के आदेश गायब हो जाने में भी अनूप अग्रवाल व उसके परिवार की भूमिका संदेह के घेरे में है। मेरे ससुर और पति की मौत के बाद अनूप अग्रवाल और उसके परिवार को नैतिकता के नाते मेरे पीड़ित परिवार की जो मदद करनी चाहिए थी वह तो क्या करते उल्टे अनूप अग्रवाल ने सभी रिश्तेदारों पर दबाव बनाकर हमारा सामाजिक बहिष्कार करा दिया। अनूप अग्रवाल की दहशत के कारण ही ससुराल पक्ष का अधिकांश रिश्तेदार आज तक हमारी मदद करना तो दूर मिलने तक नहीं आए।

पत्र में रूपाली ने आरोप लगाया कि मेरे परिवार की संपत्तियों पर अनूप अग्रवाल और उसके परिवार का ही कब्जा है। इन्हें यह भी तरस नहीं आया कि यह एक विधवा है और उसके साथ उसकी बुजुर्ग व बीमार विधवा सास तथा दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। ऐसी स्थिति में मैं अपने परिवार का लालन-पालन कैसे करूंगी? मेरी सास द्वारा जब कोर्ट के आदेश पर 23 सितंबर 2022 को अनूप अग्रवाल के परिवार के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया तो एक षड्यंत्र के तहत ठीक दो माह बाद मेरे परिवार पर दबाव बनाने के लिए 29 नवंबर 2022 को जिला बिजनौर में किसी अनजान व्यक्ति द्वारा मेरे विरुद्ध एक फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया जिसमे उचित जांच के बाद पुलिस द्वारा मुझे क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई।

रूपाली ने लिख कि मुझ बेसहारा विधवा द्वारा कितने दुःख सहकर उस मुकदमे को झेला गया होगा यह आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। पारिवारिक संपत्तियों की धोखाधड़ी से दुखी होकर मेरी विधवा सास पुष्पा अग्रवाल द्वारा अदालत के आदेश से जो मुकदमा दर्ज कराया गया उस केस में पुलिस की जांच की गति भी बहुत ही धीमी है। मेरी शासन प्रशासन और पुलिस से विनम्र प्रार्थना है कि यह जांच जल्दी हो जाए और हमें हमारी संपत्तियों पर अधिकार मिल जाए तो हम दोनों विधवा सास बहू अपने परिवार का पालन पोषण करने में समर्थ हो सकेगी। मेरी प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से भी प्रार्थना है कि मेरे पति की हत्या की सीबीआई जांच के आदेश करने का कष्ट करें ताकि अनूप अग्रवाल एवं उसके परिवार का असली चेहरा सामने आ सके।

रूपाली ने आगे लिखा है कि सम्मानित पत्रकार बंधुओं अनूप अग्रवाल द्वारा मेरे परिवार का जिस बेदर्दी से उत्पीड़न किया गया है वह एक बेहद ही दर्द भरी दास्तान है। मुझे नेपाल से धमकी भरा फोन कराया गया। मेरे पति एक डायरी लिखते थे। अनूप अग्रवाल ने उस डायरी के पेज ही फाइ दिए जिससे अनूप अग्रवाल के कारनामों की सारी सच्चाई ही दबी रह गई। इसीलिए मैं अब मुख्यमंत्री जी से सीबीआई जांच की मांग कर रही हूं ताकि मेरे पति की हत्या का सारा सच समाज के सामने आ सके। साथ ही में यह भी मांग करती हूं कि मेरे इस बयान के जारी होने के बाद मेरे परिवार की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराया जाए क्योंकि अनूप अग्रवाल एक शातिर व्यक्ति है जो पूर्व में भी हमारे परिवार को देर रात में घर आकर तमंचा दिखाकर डराता धमकाता रहा है।

आपके सहयोग की आकांक्षा में

रूपाली

रुपाली अग्रवाल पत्नी स्वर्गीय अर्पित अग्रवाल
निवासी चामुंडा विहार, काशीपुर

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