किसान आंदोलन : 150 ट्रैक्टर गायब, रिपोर्ट भी नहीं लिखा सकते

0
146

दिल्ली (महानाद) : 26 जनवरी के हंगामे के बाद दिल्ली की सीमाओं पर जारी धरना स्थलों पर अब एक विचित्र स्थिति देखने को मिल रही है। गणतंत्र दिवस तक तो सब ठीक था। ट्रैक्टर की बैटरी खत्म न हो, इसलिए उन्हें रोजाना स्टार्ट कर देते थे। टीकरी बॉर्डर पर सैंकड़ों की संख्या में ट्रॉली खड़ी हैं, जबकि उनके मुकाबले ट्रैक्टरों की संख्या कम है।

हालत कुछ ऐसी है कि ट्रॉली है, मगर ट्रैक्टर नहीं है।अगर ये दोनों हैं तो ड्राइवर गायब है। शनिवार को इस बॉर्डर पर अधिकांश ट्रैक्टर नहीं थे। ट्रॉली को तिरपाल से ढक रखा था। कुछ ट्रैक्टर ट्रॉली ऐसे भी थे, जिनके ड्राइवर वहां मौजूद नहीं थे।

धरने पर बैठे किसानों का कहना था कि 26 जनवरी को जो उपद्रव मचा था, उसके चलते अनेक ट्रैक्टर पुलिस के कब्जे में हैं। कुछ ऐसे भी ट्रैक्टर हैं, जिनके बारे में किसी को नहीं मालूम कि वे कहां हैं। गणतंत्र दिवस पर मचे उपद्रव के बाद अनेक ड्राइवर यहां से चले गए हैं।

इसकी वजह पुलिस में दर्ज मामले रहे हैं। उन ड्राइवरों को पता था कि देर सवेर पुलिस उन तक पहुंच जाएगी। बतौर किसान संगठन के प्रतिनिधि, इन लोगों का कहना था कि अनेक किसानों को पुलिस ने पकड़ रखा है। हमारे डेढ़ सौ से ज्यादा ट्रैक्टर गायब हैं।

हम पुलिस को भी शिकायत नहीं दे सकते। इन्हीं में कुछ लोगों ने कहा, हम जानते हैं कि सत्तर से ज्यादा ट्रैक्टर तो पुलिस ने अपने कब्जे में ले रखे हैं। मजबूरी ये है कि अब कौन पूछने जाए और कौन छुड़ाने।

टीकरी बॉर्डर से थोड़ा आगे बहादुरगढ़ में प्रवेश करने से पहले रोहतक बाईपास के आसपास भी सैंकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉली लावारिस हालत में खड़े हैं। वहां मौजूद किसान बताते हैं कि ये सभी ट्रैक्टर टॉली लंबे समय से यहां खड़े हैं।

किसान आंदोलन की शुरुआत में ये ट्रैक्टर यहां पहुंच गए थे। अब जो उपद्रव हुआ, उसके बाद बहुत से किसान पंजाब लौट गए हैं। लालकिला की घटना वाले दिन यहां पर भी बवाल मचा था। इसमें किसानों को बुरी तरह पीटा गया था। गणतंत्र दिवस की रात अनेक किसान दूसरे साथियों के ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर चले गए थे। अब उनके ट्रैक्टर ट्रॉली सड़क पर ही खड़े हैं।

किसानों ने बताया कि हम लोग इनकी रखवाली करते हैं। कुछ ऐसे ट्रैक्टर भी हैं, जिनके कागजात पूरे नहीं हैं। पुलिस ने उन्हें जब्त कर रखा है। एक किसान ने बताया, कई ट्रैक्टर ऐसे भी थे, जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर में गड़बड़ी थी।

यानी उन पर दूसरे वाहन का नंबर लगा हुआ था। खैर अब जो भी हो, हमें तो आंदोलन को आगे बढ़ाना है। जब हमारे नेता सरकार से कोई बातचीत करेंगे तो ट्रैक्टर और ड्राइवर भी मिल ही जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here