एसएसपी इन एक्शन : शिकायतों का निबटारा न करने वाले कई दरोगा व पुलिसकर्मी सस्पेंड

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गोरखपुर (महानाद) : एसएसपी गोरखपुर डॉ. विपिन टाडा ने शिकायतकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को आमने-सामने बैठाकर शिकायतों के निस्तारण में हो रही लापरवाही की समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले कई दरोगाओं और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया तो कई को लाइन हाजिर कर दिया। एसएसपी बैठक के दौरान मीडिया के सामने ही लााइन हाजिर और निलंबन के मौखिक आदेश देते रहे। आदेश देते ही तुरंत उनका आदेश टाइप होकर हस्ताक्षर के लिए आ जाता। इस दौरान एसएसपी ने मीडिया के सामने और फरियादियों की उपस्थिति में ही पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार लगाई।

बता दें कि बुधवार की दोपहर 3 बजे से 150 शिकायतकर्ताओं और उनसे संबंधित थानेदार, चौकी इंचार्ज, हल्का दरोगा और बीट सिपाहियों को बुलाया था। उनको आमने सामने बैठाकर शिकायतों की समीक्षा शुरू की गई और ऑन स्पॉट फैसले लिये जाने लगे।

सबसे अधिक शिकायतों के आने के बाद भी बैठक में मौजूद न रहने पर एसएसपी ने चिलुआताल थाना प्रभारी विनोद अग्निहोत्री, बांसगांव थाना प्रभारी विवेक मलिक और एसआई छोटेलाल सहित 3 को लाइन हाजिर कर दिया।

वहीं, खजनी के उनवल चौकी इंचार्ज बबलू कुमार, बड़हलगंज के हेड कांस्टेबल बृजेंद्र कुमार सिंह, गोला के एसआई दिनेश चौधरी और बांसगांव के एसआई गोपाल यादव को सस्पेंड कर दिया।

इसके अलावा एसएसपी विपिन टाडा ने खजनी के हल्का नंबर चार के एसआई बांकेलाल यादव, बड़हलंगज के प्रभारी निरीक्षक मुधपनाथ मिश्रा, खजनी प्रभारी निरीक्षक इकरार, एसआई घनश्याम को व्यग्तिगत चेतावनी दी। एसओ गगहा की प्राइवेट व्यवहार पंजिका पर चेतावनी दर्ज की गई। गोरखनाथ के बीट सिपाही अनंत कुमार पर ओआर लगाया गया।

बता दें कि विगत काफी समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पुलिस की शिकायतें पहुंच रही थीं कि थाने पर उनकी सुनवाई नहीं होती। विगत 10 जून को मुख्यमंत्री के पास ऐसी 800 शिकायतें पहुंची थीं। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई थी। वहीं पुलिस अधिकारियों के पास भी रोजाना फरियादियों की संख्या बढ़ रही थी।

सोमवार को एसएसपी टाडा के पास एक साथ 200 फरियादी पहुंच गए। जिसके बाद एसएसपी ने जिले के सभी थानों से फरियादियों और उनसे संबंधित पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइंस में बुलाया था। एसएसपी ने एक-एक कर पहले फरियादियों से उनकी समस्या पूछी। उनसे पूछा कि कब शिकायत की थी। फिर थाने या चौकी से संबंधित पुलिसकर्मी से पूछा कि इसमें आप ने क्या कार्रवाई की ताकि मामले का थाना और चौकी स्तर से निस्तारण हो सके और फरियादी अधिकारियों के पास न जाएं। अधिकांश पुलिसकर्मी एसएसपी के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये।

बैठक में एसएसपी के सामने कुल 112 फरियादी आए थे जिनकी थाने पर शिकायत गई थी। इसमें चिलुआताल से 13, कैंट से 7, बांसगांव से 7, झंगहा 7, गोला 6, खोराबार 3, गोरखनाथ 3, रामगढ़ताल 6, सिकरीगंज 5, चौरीचौरा 5, गगहा 5, सहजनवां 4, पिपराइच 6, गुलरिहा 6, खजनी 6, बड़हलगंज 6, कैंपियरगंज 3, शाहपुर 2, पीपीगंज 2,बेलघाट 2, कोतवाली 1 और हरपुर बुदहट से 1 शिकायत आई थी।

बैठक में कुछ ऐसे मामले भी आए जिसमें पुलिस की लापरवाही से कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद आरोपी ही फरियाद करने लगे। जैसे की गगहा की संगीता देवी ने खुद एक जमीन कब्जा किया है। जिसमें एसडीएम ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। वे अपनी पति पर हमला करने का आरोप लगाकर फरियाद कर रही है। पुलिस ने उसके खिलाफ जांच कर पूरी लिखित कार्रवाई का निर्देश दिया। इसी प्रकार बांसगांव की एक लड़की घर से भाग गई थी। जिसमें पुलिस ने लड़की को बरामद किया था। पता चला कि एक लड़की लड़का बनकर उसके साथ रहती थी। पुलिस बरामद कर लाई लेकिन आरेापी पर केस दर्ज नहीं किया। जिसके कारण अब आरोपी लड़की फरियाद लेकर आई थी कि उसके साथ मारपीट हुई है। जिसपर एसएसपी टाडा ने ने बांसगांव थानेदार को लाइनहाजिर कर पुलिस को दोनों पक्षों पर केस दर्ज करने को कहा।