आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : किसान विरोधी कृषि कानूनों के विरोध में आप के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली के निर्देशन में पूरे जिले में आप कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानूनों का जोरदार विरोध किया। बाली ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह हठधर्मिता छोड़कर किसान विरोधी कानूनों को तत्काल समाप्त करें क्योंकि जिस देश का किसान दुखी होगा वह देश भी सुखी नहीं रह सकता।
रुद्रपुर, खटीमा, गदरपुर, किच्छा, बाजपुर तथा जसपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में आप कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए भाजपा नेताओं के घरों एवं कार्यालयों पर प्रदर्शन किया।
काशीपुर में प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा तथा नगर अध्यक्ष मनोज कौशिक के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की। आप कार्यकर्ता भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के कार्यालय पर पहुंचे और वहां थाली पीट-पीट कर जोरदार प्रदर्शन किया। सभी के हाथों में किसान विरोधी कानूनों के विरोध में नारे लिखी तख्तियां थीं। उन्होंने केंद्र सरकार हाय-हाय के नारे लगाए और किसान विरोधी कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ डाली।
प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही काले कृषि कानूनों के खिलाफ, किसानों के समर्थन में खड़ी है। किसानों को 6 महीने से ज्यादा समय हो गया वो अभी भी धरने पर बैठने को मजबूर हैं लेकिन केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। जबकि इस दौरान किसानों ने अपने अनेक साथियों की शहादत का भयंकर दर्द भी इस आंदोलन में झेला है। उसके बाद भी केंद्र की गूंगी सरकार, तानाशाही पर उतरी है। जन विरोधी केंद्र सरकार की नीतियां देश के अन्नदाता पर भारी पड़ रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
नगर अध्यक्ष मनोज कौशिक ने कहा कि देश के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है जो कि बेहद शर्मनाक है। देश का किसान अगर खेतों के बजाय सड़कों पर रहेगा तो इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। किसान खेत में होगा तभी तो अन्न पैदा होगा। इसलिए आप कार्यकर्ता भाजपा के विधायकों और मंत्रियों को नींद से जगाने के लिए प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए।
प्रदर्शन के दौरान आकाश मोहन दीक्षित, आमिर हुसैन, ममता शर्मा, रजनी पाल, आसिम, प्रभ शर्मा, विनोद नेगी, तरणवीर, आयुष मेहरोत्रा, आनंदपाल आदि मौजूद थे।