मुरादाबाद (महानाद) : शुक्रवार की रात्रि में एक युवा महिला डॉक्टर का शव उनके फ्लैट में पड़ा मिला है। बेड के पास में ही एक इंजेक्शन भी पड़ा मिला है। जिससे लग रहा है कि डॉ. निधि ने इसी इंजेक्शन को लगाकर अपनी जान दी है। डॉ. का फ्लैट अंदर से लॉक था।
बता दें कि 30 वर्षीय डॉ. निधि सिंह कांठ रोड पर स्थित एशियन विवेकानंद अस्पताल में प्रैक्टिस करती थीं तथा सिविल लाइंस क्षेत्र में, विवेकानंद अस्पताल से थोड़ी ही दूरी पर स्थित इंपीरियल ग्रीन्स अपार्टमेंट के एक फ्लैट में अकेले रहती थीं। 2 दिन से अस्पताल नहीं जाने और परिजनों के फोन रिसीव नहीं करने पर अस्पताल स्टाफ डॉ. निधि के फ्लैट पर पहुंचा। फ्लैट अंदर से लॉक होने के कारण पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने डुप्लीकेट चाबी की मदद से फ्लैट का दरवाजा खोला तो देखा कि डॉ. निधि का शव बेड पर औंधे मुंह पड़ा था। डॉक्टर की आत्महत्या की सूचना मिलते ही एएसपी सागर जैन मौके पर पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। दिल्ली से देर रात्रि डॉ. निधि के परिजन भी मुरादबाद पहुंच गये। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
एएसपी सागर जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. निधि सिंह इंपीरिल ग्रीन्स के अपने फ्लैट में अकेले रहती थीं। बुधवार को वह विवेकानंद में अपनी ड्यूटी पर गई थीं। इसके बाद से हॉस्पिटल नहीं जा रही थीं। हॉस्पिटल वालों ने कॉल किया लेकिन निधि की साइड से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। दिल्ली में निधि के परिवार वालों ने भी उन्हें कॉल किया लेकिन उनकी कॉल भी रिसीव नहीं हो रही थी। इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल कॉल किया तो अस्पताल वालों ने भी यही बताया कि डॉ. निधि 2 दिन से फोन रिसीव नहीं कर रही हैं।
सागर जैन ने बताया कि हॉस्पिटल वाले वहां पहुंचे तो निधि का फ्लैट अंदर से लॉक था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और चाबी वाले को बुलवाकर डुप्लीकेट चाबी से फ्लैट को खोला गया। पुलिस ने वीडियोग्राफी के साथ गेट खोला। अंदर जाकर देखा तो निधि का शव बेड पर औंधे मुंह पड़ा था। पास में ही एक इंजेक्शन भी मिला है।
जैन ने बताया कि शव 2 दिन पुराना लग रहा है। बॉडी पूरी नीली पड़ चुकी थी। मौके पर मिले इंजेक्शन को जांच के लिए भेज दिया गया है। पहली नजर में लग रहा है कि इसी इंजेक्शन को लगाकर डॉ. निधि ने आत्महत्या की है। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा।