नैनीताल (महानाद) : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी जेल में एक कैदी की पिटाई से हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए सरकार को नैनीताल के एसएसपी और सीओ को तत्काल जिले से हटाने के निर्देश दिये हैं। वहीं जेल के सुरक्षा गार्डों को भी जिले से बाहर तबादला करने के निर्देश दिये हैं।
बता दें कि कुंडेश्वरी, काशीपुर निवासी भारती पत्नी प्रवेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि विगत 5मार्च को पुलिस ने उसके पति को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था जिसके अगले दिन कोर्ट के आदेश पर उसे न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया गया था लेकिन उसके अगले ही दिन उसकी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसके पति के शरीर पर चोट के निशान थे। मामले में मृतक की पत्नी भारती ने सीजेएम नैनीताल की कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जेल के बंदी रक्षकों पर उसके पति की पिटाई करने व प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए उसके पति की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
मामले के तूल पकड़ने पर इसके मजिस्ट्रीयल जांच का आदेश हुआ। पुलिस ने मृतक की पत्नी की तहरीर के बावजूद हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया, जिसके बाद अदालत के आदेश पर हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद मृतक की पत्नी भारती ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैथाणी की एकलपीठ ने कहा कि पुलिस ने पहले तो हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। उसके पश्चात जांच को भटकाने के उद्देश्य से चश्मदीद गवाह के बयान न लेकर अन्य लोगों के बयान दर्ज किए। यह मामला बेहद गंभीर किस्म का है।
कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए तथा पुलिस एफआईआर सभी अन्य दस्तावेज सीबीआई के हवाले करे। नैनीताल के एसएसपी और सीओ को तत्काल इस जिले से हटाया जाए। जेल में तैनात नामजद बंदीरक्षकों का ट्रांसफर किसी अन्य जिले में किया जाये।