बता दें घिरोर क्षेत्र के गांव नगला मान निवासी प्रमोद यादव के 22 वर्षीय पुत्र अनुराग यादव की बारात जानी थी। जोर शोर से तैयारियां चल रहीं थीं। बारात की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं थीं। घर में महिलाएं मंगलगीत गा रहीं थीं। अचानक एक हादसे ने शादी वाले घर का माहौल बदल दिया। अनुराग को करंट लगने के बाद जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जैसे ही यह खबर घर पहुंची तो कोहराम मच गया। मंगलगीत चीख पुकार में बदल गए।
थाना घिरोर क्षेत्र के गांव नगला मान निवासी अनुराग की बारात थाना क्षेत्र के गांव मधुपुरी आनी थी। लेकिन उससे पहले ही करंट लगने से हुए हादसे में अनुराग की मौत हो गई थी। हादसे के बाद दोनों ही घर में कोहराम मच गया। परिजन अनुराग के शव को लेकर घर पहुंचे तो पिता प्रमोद होश खो बैठे। जिस बेटे की शादी को लेकर कुछ देर पहले तक वह उत्साहित थे अब उस बेटे की अर्थी को कंधा देना था। रिश्तेदार व ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें संभाला। जवान बेटे को खोने के बाद प्रमोद की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
उधर दूल्हे की मौत की खबर मिलने से दुल्हन के घर में भी कोहराम मच गया। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या करें। बेटी पर शादी से पहले कोई कलंक न लग जाए इस बात की भी डर सता रहा था। सभी बहुत परेशान थे, लेकिन इस बीच दुल्हन के घरवालों ने हार नहीं मानी। दुल्हन के परिजनों ने दूसरे वर की तलाश शुरू कर दी। कुछ देर चली तलाश के बाद घिरोर के गांव का रहने वाला एक परिवार लड़की से अपने बेटे की शादी कराने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद युवती के घर तय शुभ मुहूर्त में शादी की शहनाई गूंजी। रात में शादी की सारी रस्में पूरी कराई गईं और विवाह हो गया। गुरुवार की सुबह दुल्हन को उसकी ससुराल के लिए विदा किया गया।