नई दिल्ली (महानाद) : एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वह रेप पीड़िता से शादी करने के लिए तैयार है? अगर हां, तो उसे बेल दी जाएगी अन्यथा जेल में ही रहना पड़ेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ की ये शर्त सुन कर कोर्ट रूम में बहस शुरू हो गई।
आरोपी के वकील आनंद ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से बातचीत करके इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उन्हें कुछ समय चाहिए। लेकिन कोर्ट ने समय देने से साफ इनकार कर दिया। आरोपी के वकील आनंद ने कहा कि उनका मुवक्किल एक सरकारी कर्मचारी है, और मामले में गिरफ्तारी के कारण उसे सस्पेंशन का सामना करना पड़ सकता है। जिस पर मुख्य न्यायाधीश बोबड़े ने कहा कि आपको उस नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी और रेप करने से पहले सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अदालत आरोपी को लड़की से शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और वह रेग्युलर बेल के लिए अप्लाई कर सकता है।
बता दें कि एक लड़की ने आरोप लगाया था कि जब वह 16 साल की थी, तब याचिकाकर्ता, जो कि उसका दूर का रिश्तेदार था, ने उसका बलात्कार किया था। लड़की ने बताया था याचिकाकर्ता की मां ने शादी के लिए सहमति दी थी। इसके लिए एक अंडरटेकिंग भी साइन हुआ था। लेकिन बाद में याचिकाकर्ता की मां ने शादी कराने से इनकार कर दिया। जिसके बाद लड़की ने 2019 में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 417, 506 और यौन अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले में 5 फरवरी को बाॅम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया था और लड़की को आवेदन की अनुमति दी थी। जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।