नई दिल्ली (महानाद) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 8वीं बार तिरंगा झंडा फहराया।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अब देश के सभी सैनिक स्कूलों में देश की बेटियां भी पढ़ेंगी। अभी तक इनमें केवल बेटों को ही दाखिला मिलता था।
मोदी ने बताया कि अभी हम एनर्जी इंडीपेंडेट नहीं हैं। एनर्जी इम्पोर्ट करने के लिए देश को सालाना 12 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। हमें एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।
इस अवसर पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने ताली बजाकर खिलाड़ियों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने देश की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का काम किया है। यह सम्मान देश के युवाओं का सम्मान है।
पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त का दिन ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मोदी ने कहा कि यह दिन उन लोगों की याद में है जो बंटवारे के दौरान मारे गए और उन्हें अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी देश के सीने को छलनी करता है। यह विगत शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को जल्दी ही लॉन्च किया जायेगा। इसके जरिये रोजगार में वृद्धि होगी।
मोदी ने बताया कि आज भारत अपना लड़ाकू विमान बना रहा है। अपनी पनडुब्बी बना रहा है। 60 साल पहले हम 60 लाख डॉलर के मोबाइल आयात करते थे लेकिन आज हम 3 मिलियन डॉलर के मोबाइल निर्यात कर रहे हैं।
देश में 75 भारत वंदे ट्रेन चलाई जायेंगी।
मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हमारे चिकित्सक, नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल कर्मचारी, सफाईकर्मचारी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों या सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सभी वंदन के अधिकारी हैं। यदि हमारे देश में वैक्सीन न बनी होती तो शायद भारत को आज भी वैक्सीन न मिल पाती। जब पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है तो ऐसे में हमें कौन वैक्सीन देता। लेकिन हमारे देश के वैज्ञानिकों ने अपनी स्वदेशी वैक्सीन बनाई। आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। जिसके कारण आज 54 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हों, आज देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी सुविधाओं को देश के अंतिम छोर तक अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। आम आदमी की जिंदगी में सरकारी दखल को कम करना है। हमने सैकड़ों कानूनों को खत्म किया है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों को आदेश दिया कि अपने कार्यालय में लागू कानूनों की समीक्षा कीजिए और जो कानून विकास की राह में रोड़े अटका रहा है उसे खत्म करने में सहयोग कीजिए।
मोदी ने कहा कि गरीबों को कम दामों पर दवाई उपलब्ध कराने के लिए जनऔषधि केंद्रों की स्थापना की गई है। बहुत जल्द देश के हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट होंगे।
मोदी ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले की प्राचीर से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। देश के हर गांवें में सड़कें हों, हर परिवार के पास बैंक अकाउंट हो, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, सभी पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है। देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश मे 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोज़गार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं।
मोदी ने कहा कि छोटा किसान है देश की शान। हमंे छोटे किसानों को आगे लेकर जाना है। हम उन्हें उनके उत्पादों को दूर की मंडी तक लेजाने के लिए रेल उपलब्ध करा रहे हैं। गांवों में रहने वाले लोगों की जमीनों के कागज ऑनलाइन चढ़ाये जा रहे हैं। जिससे उन्हें लोन लेने में आसानी हो रही है।
मोदी ने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी। गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।