सी एम पपनैं
नई दिल्ली (महानाद) : कोरोना विषाणु संक्रमण काल में असहाय, लाचार और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना दिल्ली एनसीआर में निरंतर प्रतिबद्ध रहे उत्तराखंड के समाज सेवियों, सामाजिक संस्थाओं व समितियों से जुड़े प्रबुद्ध जनो को दिल्ली प्रवास में 2016 में स्थापित प्रवासी सांस्कृतिक संस्था ‘म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति’ द्वारा कोरोना योद्धा सम्मान समारोह 2021 प्रदान कर सम्मानित किया गया। उक्त भव्य आयोजन 5 दिसम्बर 2021 को वेस्ट विनोद नगर, दुर्गा माता मंदिर में आयोजित किया गया। सम्मान के तहत आयोजकों द्वारा कोरोना योद्धा प्रशस्ति पत्र और पुष्प गुच्छ भेंट किया गया।
सम्मान समारोह का श्रीगणेश सम्मानित होने वाली संस्थाओं व आयोजक संस्था के शीर्ष पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर व आयोजक संस्था के बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत वन्दना के साथ किया गया।
आयोजक संस्था पदाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि सम्मान समारोह में उत्तराखंड की 70 संस्थाओं और समितियों तथा विशिष्टजनों को कोरोना विषाणु संक्रमण काल में उनके द्वारा निरंतर पीड़ितों के लिए किए गए परोपकारी कार्याे का मूल्यांकन कर ‘कोरोना योद्धा सम्मान 2021’ से सम्मानित किया गया। उक्त संस्थाओं और लोगों द्वारा सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन कर निराश व हताश लोगों के मध्य अपनी जान की परवाह किए बगैर जागरूकता अभियान चलाकर महामारी से बचाव के उपाय जनमानस को बताने, प्रेरित करने व जनमानस का हौंसला बढ़ाने के लिए किया गया। विषाणु संक्रमण काल की कभी न भूली जाने वाली त्रासदी में जरूरतमंदों को भोजन, दवाएं, मास्क, सेनेटाइजर, आने-जाने के साधन जुटाने, स्थानीय स्तर पर, अपने-अपने क्षेत्रों में सेनेटाइजर का छिड़काव के साथ -साथ, जरूरतमंदों के लिए भोजन, राशन किट, मास्क, सेनेटाइजर, दवाइयों इत्यादि का वितरण किया गया। महामारी का दंश झेल रहे गंभीर पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर आक्सीजन सिलेंडरों को उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर परोपकारी कार्याे का निर्वाह किया गया था।
आयोजकों द्वारा, अवगत कराया गया कि कोरोना विषाणु संक्रमण काल में उत्तराखंड की दिल्ली एनसीआर में स्थापित जिन प्रवासी संस्थाओं व लोगों द्वारा बढ़-चढ़ कर जन की मदद की गई उनमें जागृति लीला मैमोरियल फाउंडेशन, देवभूमि उत्तराखड एकता मंच, कल्याणी सामाजिक संस्था, उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान, पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली, अल्मोड़ा ग्राम कमेटी, यूके टीम इंडिया, कुमाऊं जनमंडल समिति, गढ़ कुमाऊं युवा समिति, गढ़वाल हितैषिणी सभा, भयात एनजीओ, शिक्षा से शिखर तक, उत्तराखंड आवाज मंच, उत्तरांचल नवयुवक धार्मिक रामलीला कमेटी, कलश कलाश्री, बिजनेस उत्तरायणी, कुमाऊं सांस्कृतिक कला मंच, उत्तराखण्ड जन संरक्षण समूह, शांभवी समाज सेवा समिति, सांस्कृतिक मंडल कुमाऊं स्कवायर, आरडब्ल्यू कुमाऊं, आरडब्लूए स्कवायर वेस्ट विनोद नगर, पर्वतीय लोक कला मंच, यूथ4यूके, उत्तराखंड जन जागृति संघ, गढ़वाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक मंडल, कुमाऊं सांस्कृतिक समिति, देवभूमि संस्कृत धार्मिक समिति, उत्तराखंड एकता संगठन, देवभूमि उत्तराखंड सांस्कृतिक मंडल, सार्थक प्रयास, भुम्याल विकास मंच, उत्तरांचल सांस्कृतिक भ्रातृ समिति, मानव अधिकार एवं अपराध निमंत्रण संगठन इत्यादि के साथ-साथ, पीड़ित जनमानस की, व्यक्तिगत तौर पर मदद करने के लिए सम्मानित किए गए प्रमुख समाजसेवियो में वीएन शर्मा, रणजीत गड़ाकोटी, प्रेमा धोनी, जगत सिंह बिष्ट, सुरेद्र हालसी, अनिल पानू, मोहन सिंह रावत, पीएन शर्मा, दिनेश दीवान नयाल, अजय रावत, संजय दरमोड़ा, बृजमोहन उप्रेती, विनोद बछेती, कुलदीप भंडारी, रवि नेगी, गीता रावत, चंद्र मोहन पपनैं, हरेंद्र डोलिया, चंदन भैसोड़ा, अर्जुन राणा, उदय ममगई राठी, अनिल पंत, बीएन ढौडियाल, किशोर रावत, गिरीश कबडवाल, नारायण पपोला, जीएस अवाना, डॉ. राजेश्वरी कापड़ी, सतीश कुमार, कश्मीरी लाल, शिवराज सिंह बिष्ट, लक्ष्य पांडे, संजय न्योली, दया सागर, पंडित मोहन लाल लसियाल मुख्य थे।
सम्मान समारोह के इस अवसर पर आयोजक संस्था से जुड़े बच्चों की सांस्कृतिक टोलियों द्वारा लोकनृत्यों व गीतों के मनमोहक कार्यक्रम भी मंचित किए गए। आयोजक संस्था ‘म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति’ के अध्यक्ष कुन्दन भैसोड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश गैड़ा, उपाध्यक्ष क्रमशः सुरेश बिनोली व रमेश अधिकारी, महासचिव हरीश अधिकारी तथा संस्था अन्य पदाधिकारियों मे राजू उल्साई, योगेश जोशी, रमेश बिष्ट, सचिन सोलंकी तथा विशेष अतिथि चारु तिवारी द्वारा अपने संबोधन मे व्यक्त किया गया कि सम्मान के असली अधिकारियांे को सम्मानित करते हुए आज ‘म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति’ पदाधिकारियों व समिति से जुड़े सभी सदस्यों को अपार गर्वानुभूति हो रही है। समिति उत्तराखंड की उन संस्थाओं, समितियों व प्रबुद्ध लोगों का सम्मान कर रही है, जो सम्मान के असली हकदार हैं।
समिति पदाधिकारियो द्वारा व्यक्त किया गया कि समिति का विचार था कि समाज के लिए समर्पित इन लोगों को एक मंच पर सम्मानित किया जाए, जो आज पूर्ण हुआ है। सम्मानित संस्थाओं और लोगों द्वारा कोरोना महामारी में जिस साहस और धैर्य का परिचय देते हुए सामना किया गया। जरूरतमंदों के लिए काम किया गया। सुविधायें मुहैया करवाई गई। वह किसी से छुपा नहीं है। अवगत कराया गया कि आयोजक समिति पदाधिकारियों द्वारा भी समिति अध्यक्ष कुन्दन भैसोड़ा के नेतृत्व में बढ़-चढ़, आगे आकर, असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए काम किया गया था। समिति द्वारा जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने के साथ ही दवा-पानी की भी व्यवस्था करवाई गई। वह वक्त बहुत खराब था। अधिकतर लोग कोरोना महामारी की चपेट में थे, कई लोग बेरोजगार हो चुके थे। बीमार लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा था। गरीबों के पास खाने का सामान तक नहीं था। किसी के पास मकान का किराया देने तक के पैसे नहीं थे, तो किसी के पास घर जाने के लिए पैसे नहीं थे। सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर लोगों की पीड़ा देखी-सुनी। हर संभव पीड़ित व जरूरतमंद लोगों की मदद की। हताश-निराश लोगों को भरोसा दिलाया। उनकी हर तरह की समस्या का समाधान किया। आज उक्त सभी संस्थाएं उस सम्मान की हकदार हैं, जिन्होंने दिन-रात एक करके अपनी जान की परवाह किए बगैर, लोगों की खैर-खबर ली, भुक्तभोगी पीड़ितों व परिवारों को नया जीवन दिया।
आयोजको द्वारा अवगत कराया गया कि म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति का गठन छह वर्ष पूर्व बहुउद्देश्यों के तहत किया गया था। दिल्ली एनसीआर में प्रवासरत उत्तराखंड के प्रवासी बंधुओं को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंचन के माध्यम से जोड़ने की पहल। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिल्ली एनसीआर में संजोए और बचाये रखने व समृद्ध करने की पहल। पारंपरिक तीज-त्यौहारों को मनाने की पहल। होली मिलन, दीपावली, हरेला समेत सभी त्यौहारों को प्रवासीजनों के मध्य सामूहिक तौर पर मनाने की पहल। प्रवास मे निवासरत वर्तमान नई पीढ़ी को उत्तराखंड की समृद्ध विरासत को संभालने के लिए तैयार करने इत्यादि की पहल, गठित समिति के मुख्य उद्देश्यो मे निहित रहे हैं।
आयोजकों द्वारा अवगत कराया गया कि समिति के उद्देश्यो के तहत समिति द्वारा कुमाऊंनी और गढ़वाली बोली-भाषा में कक्षाओं का संचालन भी किया गया। बोली-भाषा को सीखने के लिए ऑनलाइन क्लासों का संचालन किया गया, जो क्रम निरंतर जारी है। उक्त कक्षाओं के संचालन से बोली-भाषा के प्रचार-प्रसार मे, प्रवासी जन समाजों के मध्य वृद्धि हुई है। बोली-भाषा का संरक्षण व संवर्धन हुआ है।
आयोजकों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2017 में समिति द्वारा दिल्ली प्रवास में उत्तराखण्ड की सु-विख्यात ऐपड़ कला कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। ऐपड़ कला की बारीकियों को उत्साही लोगों को सिखाया गया। समिति द्वारा समय-समय पर वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान भी चलाये जाते रहे हैं।
करीब तीन घन्टे तक चले सम्मान समारोह का प्रभावशाली मंच संचालन उत्तराखंड के सु-प्रसिद्ध रंगकर्मी व उदघोषक हेम पंत द्वारा किया गया।