सनातन संस्कृति के पोषक बनें-गलत परम्पराओं का त्याग करें : धर्मयात्रा महासंघ

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : धर्मयात्रा महासंघ महानगर काशीपुर की बैठक 24 अक्टूबर 2021 रविवार की सायं पुराना आवास विकास स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में सम्पन्न हुई। बैठक में आगामी दीपावली पर्व को मनाने और समाज में पनपती कुछ गलत परम्पराओं तथा उनमें सुधार के सम्बन्ध में पर्याप्त विचार विमर्श के बाद सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि धर्मयात्रा महासंघ इस वर्ष दीपावली पर्व से पूर्व नगर व क्षेत्र में कुछ इस प्रकार के वातावरण का निर्माण करे कि अपने हिन्दू धर्मावलम्बी बन्धु पर्व को मनाते समय वह सभी सावधानियां अमल में लायें जिनसे पर्व का हर्षोंल्लास भी बना रहे और उन कुरीतियों पर भी अंकुश लग सके जो हमारे लिये हानिकारक होने के साथ साथ सभी प्रकार से नुकसान दायक भी हैं और पर्व की गरिमा पर भी कुप्रभाव पड़ता है।

इसी कड़ी में सभी सदस्यों ने सुझाव दिये कि यदि निम्न बातों की ओर ध्यान दिया जाये तो हमारे साथ साथ सभी देशवासियों के लिये लाभकारी होगा। इनमें मुख्य अनुकरणीय सुझाव निम्न प्रकार हैंः-

1. चीन निर्मित सभी प्रकार की वस्तुओं का बहिष्कार होना चाहिए।
2. जिन वस्तुओं पर धार्मिक चित्र छपें हों जैसे मोमबत्ती, अगरबत्ती, धूप, कपूर व हवन सामग्री आदि, वस्तुओं की खरीदारी से बचें। विज्ञापन के रूप में धार्मिक चित्रों के प्रयोग का विरोध करें।
3. अपनी सनातन संस्कृति के पोषक बनने के मार्ग में सभी आवश्यक उपाय करें।
4. दीपावली वाले दिन दिनांक 4 नवम्बर 2021 बृहस्पतिवार को अपने निवास/व्यापार स्थल पर कम से कम 51 दीपक सरसों के तेल के, अवश्य जलायें।
5. किसी भी प्रकार प्रदूषण न फैलने देें। घर का कूड़ा कचरा नगर निगम द्वारा कचरा एकत्र करने वाले वाहन में ही डालें। सफाई की ओर विशेष ध्यान दें।
6. कोरोना व डेगूं से बचाव सम्बन्धी सभी सावधानियों को प्रयोग में लायें एवं मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
7. परिवार में सम्पन्न होने वाले किसी भी शुभ कार्य (शादी विवाह-जन्मोत्सव आदि) से सम्बन्धित निमन्त्रण पत्र आदि पर भी अपने इष्ट का चित्र न छपवायें। दीपावली पर्व की शुभ कामनायें देते समय ”हैप्पी दीवाली“ न कहकर ”शुभ दीपावली“ कहें।
8. दीपावली पर्व के अवसर पर अपने निवास स्थान अथवा व्यापार स्थल आदि की सफाई या रंग रोगन करवाते समय मकान-दुकान व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि में, पूर्व में लगे धार्मिक चित्रों-मूर्तियों को हटाकर कूड़ेघर आदि पर फेंक कर अपने इष्ट का अपमान करने की भूल करके पाप के भगी न बनें। धार्मिक चित्रों या मूर्तियों को हटाने के बाद किसी साफ सुथरे स्थान पर दो-ढ़ाई फुट गहरा गड्डा खोदकर उसमें दबा दें या अग्नि को समर्पित करें। यही सावधानी भगवान की मूर्ति के ऊपर चढ़ाये फूल पत्ती, धूप-अगरबत्ती, पुराने वस्त्र या अन्य किसी भी प्रकार से खण्डित प्रतिमा आदि के सम्बन्ध में भी बरतनी चाहियें।

बैठक की अध्यक्षता महानगर इकाई अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद राय सेवानिवृत उपमण्डलीय अधिकारी दूरसंचार तथा संचालन मंत्री सुरेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव ने किया।

बैठक में डॉ. महेश चन्द्र अग्निहोत्री, कृकृण कुमार अग्रवाल एड., विपिन अग्रवाल एड., क्षितिज अग्रवाल एड., रमेश चन्द्र जोशी व अशोक चिकारा आदि ने अपने सुझाव रखे।

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