वसुधैब कुटुम्बकम् के माध्यम से समाज मे फैल रही जागरूकता, 14वां नेत्रदान सम्पन्न
विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : वसुधैव कुटुम्बकम् के माध्यम से क्षेत्र में नेत्रदान के प्रति निरन्तर जन जागृति बढ़ रही है। आज दिनांक 10 अप्रैल को, क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन पंत के निधन के पश्चात उनके सुपुत्र डॉ. प्रदीप पंत व डॉ. प्रभात पंत ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेंगी। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रियजन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे। वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों की देखरेख में मुरादाबाद आई/नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकतायें पूरी कर ब्रह्मलीन केएन पंत के शरीर से दान की गई आंखे (कॉर्निया) प्राप्त कीं।
विदित हो कि टीचर्स कॉलोनी निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता केएन पंत स्वयं समाज सेवा व धार्मिक कार्यों में संलग्न रहे एवं यह सराहनीय कार्य भी उनके जीवन प्रवृत्ति के अनुरूप है।
उधर, वसुधैव कुटुम्बकम् के सचिव प्रियांशु बंसल ने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् क्षेत्र के लोगो में नेत्रदान हेतु जागृति लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् के अनुरोध पर अब तक 14 नेत्रदान हो चुके हैं जिससे दोगुने लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
संस्था के कोषाध्यक्ष सौरभ अग्रवाल ने बताया कि नेत्रदान करने से किसी प्रकार का देह भंग नही होता। भारत में कॉर्नियल अंधेपन से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 1.2 मिलियन है। यह अंधेपन का दूसरा सबसे आम कारण है। हर साल करीब 20-25 हजार नए मामले सामने आते हैं, नेत्रदान करने से ऐसे लोगो को रोशनी मिल सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता हेतु 98370 80678 या 95487 99947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है ।
संस्था के संरक्षक योगेश जिंदल व संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल, आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, प्रियांशु बंसल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल ने वसुधैव कुटुंबकम् काशीपुर के अनुरोध पर सम्पन्न कराये इस महान कार्य के प्रति पंत परिवार का आभार व्यक्त किया और परम पिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की। साथ ही क्षेत्रवासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने में सहयोग का आवाहन किया।
केएन पंत के नेत्रदान में समाजसेवी बालकृष्ण एवं क्षेत्र के वरिष्ठ अध्यापक पंकज पंत का विशेष सहयोग रहा।