विशेष रिपोर्ट: हरक रावत को बर्खास्त कर भाजपा ने छीन ली उनकी सौदेबाजी की ताकत?

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विकास अग्रवाल
महानाद डेस्क : हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की सुगबुगाहट के बीच भाजपा ने उनको पार्टी और सरकार दोनों से बर्खास्त कर उनकी सौदेबाजी की ताकत को छीन लिया जिस कारण जिन हरक सिंह रावत के कल दोपहर 12 बजे कांग्रेस में शामिल होने की सूचना आ रही थी, वे रावत अभी तक कांग्रेस में वापसी नहीं कर पाये हैं।
बता दें कि जैसे ही भाजपा आलाकान को पता चला कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गये हैं, वैसे ही रविवार की रात्रि को पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को अपनी केबिनेट से बर्खास्त कर दिया। वहीं भाजपा ने भी उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। उधर सूत्रों के अनुसार हरक सिंह रावत सोमवार 12 बजे कांग्रेस में शामिल होने वाले थे। लेकिन जैसे ही भाजपा से उनका पत्ता कटा तो उत्तराखंड कांग्रेस के नेता भी अपनी हनक दिखाने लगे। प्रीतम सिंह हों, गणेश गोदियाल या हरीश रावत सबने कहना शुरु कर दिया कि हर सिंह रावत को पार्टी में शामिल होने का फैसला आलाकमान करेगा। जिस कारण कल 12 बजे कांग्रेस में शािमल होने वाले हरक अभी तक कांग्रेस में शामिल नहीं हो पायें हैं।
वहीं, मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने के बाद हरक की समझ में आ गया कि उनकी कांग्रेस से सौदेबाजी की क्षमता खत्म हो चुकी है। इसलिए उन्होंने कहा कि मैं तो अमित शाह से मिलने गया था लेकिन भाजपा ने मुझे बेमतलब पार्टी से निकाल दिया। फिर वे रोते हुए कांग्रेस का गुणगान करने में जुट गये। उधर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यदि हरक सिंह रावत को कांग्रेस में आना है तो वे अपने 2016 के कृत्य ;जब उन्होंने 8 अन्य विधायकों के साथ हरीश रावत सरकार को गिरा दिया थाद्ध के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
अब, हरक सिंह रावत का बयान सामने आ रहा है जिसमें वे कह रहे हैं कि हरीश रावत उनके बड़े भाई हैं और वे उनसे 100 बार माफी मांग सकते हैं। 2016 की परिस्थितियां अलग थीं और आज की परिस्थितियां अलग हैं।

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