Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि राज्य के सरकारी इंटर कालेजों में 50 फीसदी पदों को विभागीय परीक्षा से भरने का फैसला लिया गया है। अब प्रमोशन से नहीं बल्कि प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों को परीक्षा से भर्ती मिलेगी। नई व्यवस्था से 466 पदों के जल्द भरने की उम्मीद बंधी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार लंबे समय से पात्र हेडमास्टर न मिलने के कारण इंटर कालेज प्रधानाचार्य के पर जुगाड़ व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है। इस वक्त प्रधानाचार्य के 932 पद लंबे समय से रिक्त हैं। ऐसे में 50 फीसदी पदों को भरने के लिए भर्ती परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि ये भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी। हेडमास्टर और प्रवक्ता इसके पात्र होंगे। प्रधानाचार्य अपेक्षाकृत युवा होंगे और लंबे समय तक प्रधानाचार्य पद पर रहेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानाचार्य के पदों के रिक्त रहने के पीछे शिक्षा के प्रति सरकार की ढुलमुल और अनियोजित नीतियां भी जिम्मेदार हैं। पिछले कई साल से स्थायी प्रिंसिपल की कमी की वजह से इंटर कालेज स्तर पर जहां प्रशासनिक पक्ष कमजोर पड़ रहा था। वहीं शैक्षिक स्तर भी प्रभावित हो रहा है। स्थायी प्रधानाचार्य नियुक्त होकर आने वाले शिक्षक अधिक जिम्मेदारी के साथ स्कूल में काम कर पाएंगे। वहीं प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती में केवल हेडमास्टर और प्रवक्ता को ही मौका दिए जाने से एलटी शिक्षक नाराज हैं।