Earthquake: उत्तराखंड में एक बार फिर से धरती डोली है। बताया जा रहा है कि भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की धरती एक बार फिर कांप गई। उत्तरकाशी में आज सुबह भूकंप आया है। झटके लगने पर किसी बड़ी आशंका से डरे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकी रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता कम होने के चलते नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन लगातार आ रहे भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में सोमवार आज सुबह 8:35 बजे भूकंप के झटके महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र हिमाचल राज्य से लगे मोरी ब्लॉक के कोठीगाड रेंज में जमीन से पांच किमी नीचे था। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि इस साल जिले में कई बार भूकंप आ चुका है। जिले में कई स्थानों पर दरार की वजह से दहशत है, ऐसे में भूकंप का आना लोगों के लिए और डर की वजह बन रहा है।
बताया जा रहा है कि इससे पहले चार सिंतबर को प्रदेश में दो जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। चमोली में सुबह पौने छह बजे के करीब भूकंप आया था। जिसकी तीव्रता 2.6 आंकी गई। इसकी गहराई 22 किलोमीटर बताई गई है। वहीं पिथौरागढ़ में भी तड़के 3.18 बजे भूकंप आया । पिथौरागढ़ में भूंकप की तीव्रता 2.9 थी। यहां भूकंप की गहराई 20 किलोमीटर थी। हालांकि भूकंप से जानमाल के नुकसान नहीं हुआ था वहीं बीते 29 अगस्त को भी उत्तरकाशी में 2.8 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया था। तब भूकंप का केंद्र बड़कोट स्यालना के जंगलों में जमीन से पांच किमी नीचे था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 25 अप्रैल 2015 को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप के कारण कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था। हालांकि भूकंप का केंद्र नेपाल था, जहां बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ था। वहीं 1991 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी (में भूकंप बेहद भयानक था। यह 6.8 तीव्रता का भूकंप था, जिसमें करीब दो हजार लोगों की मौत का आकलन था। साल 1999 में चमोली में 7 की तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 103 लोगों की मौत हुई थी।