उत्तराखंड में पंचायती राज विभाग से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि शासन ने 17 कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त कर दी है। जिसके आदेश कर दिए गए है। ये फैसला विभाग से जुड़े बड़े खुलासे के बाद लिया गया है। बताया जा रहा है कि जारी आदेश में कहा गया है कि पारिवारिक सदस्यों की गंभीर बीमारी एवं अन्य वजहों से शासन के आदेश पर 17 कर्मचारी विभाग में संबद्ध हैं। इन कर्मचारियों को छोड़कर अन्य की संबद्धता समाप्त कर दी गई है। आइए जानते है पूरा मामला…
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पंचायती राज विभाग में पर्वतीय क्षेत्रों में कर्मचारियों की देहरादून दौड़ में नियम-कानून भी ताक पर रखने का मामला सामने आया था। बताया जा रहा है कि यहां नियमों के विपरीत एक अधिकारी की तैनाती चार माह पहले ही ऐसे पद पर कर दी गई, जो पद 31 अक्तूबर को खाली हो रहा है। इस तबादले को लेकर विभाग में ही तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे। विवाद के बाद अब विभाग निदेशक की ओर से संबद्ध सभी कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त की गई है।
रिपोर्टस की माने तो 13 जून को तत्कालीन निदेशक पंचायतीराज विभाग की ओर से जारी किए गए तबादला आदेश में पंचायत निरीक्षक उद्योग राकेश शर्मा को टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर से पहले सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) देहरादून जिले के डोईवाला ब्लाॅक में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन बाद इस आदेश को संशोधित करते हुए उन्हें जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय, देहरादून में सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर भेज दिया गया। जबकि इस पद पर पहले से कोई दूसरा व्यक्ति कार्यरत था। इस तरह का तबादला पहली बार हुआ था।