Uttarakhand News: उत्तराखंड में नए जिले बनाने को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। जहां राज्य में नए जिले बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। बीजेपी ने पांच नए संगठनात्मक जिले बना दिए है वहीं अब मामले में सीएम धामी का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम धामी ने कहा कि सरकार को इस संबंध में पूर्व में गठित आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है। आयोग की यह रिपोर्ट के मिलने के बाद ही प्रदेश में नये जिलों के गठन के संबंध में आगे फैसला लिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राज्य में नए जिलों के गठन की मांग लंबे समय से चल रही है। सीएम धामी ने इसे लेकर कहा है कि नए जिलों की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है। इसे लेकर हम शीघ्र ही पूरे प्रदेश के अंदर जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। चर्चा के दौरान यह देखा जाएगा कि उत्तराखंड में कहां-कहां पुनर्गठन हो सकता है, कहां वास्तव में इनकी आवश्यकता है। हम इस चर्चा को आगे बढ़ाएंगे, इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने इसे शगुफा बताया है। उन्होंने कहा कि “यदि जिले बनाने वाली खबर में कुछ सच्चाई है! केवल ध्यान हटाने के लिए जैसे यह शगुफा छोड़ा जा रहा है कि कॉमन सिविल कोड, कोई कह रहा है भू-कानून ताकि जो चूल्हे हिल गए हैं भाजपा की भर्ती घोटाले और अन्य घोटालों से उससे ध्यान हटाया जा सके,”
गौरतलब है कि कांग्रेस हो या फिर बीजेपी दोनों ही सरकारों ने नए जिलों का मामला ठंडे बस्ते में डाले रखा। एक बार फिर उत्तराखंड में नए जिलों के गठन का मामला राजनीतिक मुद्दा बनकर उभर गया है। पिछले 10 वर्षों से नए जिलों के गठन को लेकर भाजपा और कांग्रेस लगातार घोषणाएं करती आ रही हैं, मगर राज्य को बने 21 वर्ष हो गए, नए जिलों के गठन को लेकर गंभीरता किसी पार्टी में नजर नहीं आई।