दुखद : कैंसर ने छीन ली उत्तराखंड की प्रतिभा ‘गीता उनियाल’ की जान

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महानाद डेस्क : उत्तराखंड फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री गीता उनियाल ने कल, मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। 2020 से वे कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं। उनके निधन से उत्तराखंड फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

बता दें कि उत्तराखंड की सुपरस्टार अभिनेत्री गीता उनियाल का जन्म उत्तराखंड के एक संपन्न परिवार में हुआ था। बचपन से ही एक्टिंग में रूचि के चलते उन्होंने 2004 में उत्तराखंड एल्बम में काम करना शुरू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे एक के बाद एक हिट एल्बम देती चली गयीं।

गीता ने 2011 में विकास उनियाल के साथ लव मैरिज की थी उनका एक बेटा रुद्रांश है। घर की जिम्मेदारियों के बीच भी वे अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करती रहीं। उत्तराखंड के 200 से ज्यादा एल्बम में काम कर चुकी गीता उनियाल का ये सफर काफी चुनौतियों भरा था, लेकिन मेहनत और लगन ने उन्हें नई दिशायें दीं।

फिल्म ‘भुली-ए-भुली’ में शानदार अभिनय सबके दिल और दिमाग में उतर गया था। इससे पहले उन्होंने, फ्योंली जवान ह्वेगे, भगत और घंडियाल, ब्यो, पीड़ा, संजोग अभी जग्वाल कैरा, आदि फिल्मों में काम किया। उन्होंने ‘द हैवोक’ नाम की हिंदी फिल्म में भी काम किया था। गीता की सुपरहिट एल्बम में सकला, खुद, नोनी भावना, छकना बांद, शुभागा, स्याली रौशनी, बिजुमा प्यारी, सुनीता स्याली, बिंदुली, बबिता, त्यारा सों, आंख्यों की तीस, जुन्याली रात आदि एल्बम शामिल हैं। लोक संस्कृति और कलामंच के लिए किये गए उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं। 2009 में पर्वतीय बिगुल की और से बेस्ट एल्बम एक्ट्रेस के हिलीहुड सम्मान से नवाजा गया। 2010 में फिल्म पीड़ा के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का सम्मान मिला, इसके अलावा उन्हें ‘युफा अवार्ड 2017’ में बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

पिछले दो-तीन सालों से गीता उनियाल लगातार बीमार चल रही थी और इस दौरान उन्होंने फिल्मों में और उत्तराखंड के गीतों में काम करना कम कर दिया था। उनकी मौत ने उत्तराखंड फिल्म जगत को झकझोर कर दिया है।

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