विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एक महिला ने जसपुर-काशीपुर के दो एजेंटों पर उसकी पुत्री को गलत कागजों के जरिए विदेश भेजकर संकट में फंसाने और 8 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
कौशाम्बी एवेन्यू कालोनी, मानपुर रोड, काशीपुर निवासी जसपाल कौर पत्नी स्व. त्रिलोचन सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, काशीपुर की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसने अपनी पुत्री मनप्रीत राय को न्यूजीलैण्ड भिजवाने के लिये यूनीवर्सल ओवरसीज ट्रेवल काशीपुर के प्रबन्धक सिमरनजीत सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह, निवासी पंजाबी कालोनी, जसपुर से बातचीत की थी। तब सिमरनजीत सिंह ने उसकी व उसकी पुत्री की मुलाकात अपने माध्यम से अशुंल ट्रैवल्स, काशीपुर बाईपास रोड, रुद्रपुर के प्रबन्धक पंकज अधिकारी से कराई।
जसपाल कौर ने बताया कि उपरोक्त दोनों व्यक्तियो ने उसे बताया कि इमीग्रेशन विभाग में हमारा बतौर ट्रैवल एजेन्ट के रूप में रजिस्ट्रेशन है और हम लोगों को विदेश भिजवाने का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि उसकी पुत्री को विदेश भेजने में करीब 8 लाख रुपये खर्च होंगे। जिस पर उन्होंने दोनों एजेंटों के कहे अनुसार अंशुल ट्रेवल्स को 7,30,000 रुपये नकद व सिमनजीत सिंह को 70 हजार रुपये बैंक खाते से विभिन्न तिथियों पर ट्रांसफर किये। जिसके बाद उन्होंने उसकी पुत्री से बैंक स्टेटमेन्ट और समस्त अन्य प्रपत्र ले लिये और दिनांक 22-07-2023 को उनकी पुत्री मनप्रीत राय को विजिटर वीजा के आधार पर न्यूजीलैण्ड भेज दिया।
जसपाल कौर ने बताया कि न्यूजीलैण्ड जाकर जब उनकी पुत्री मनप्रीत राय ने अपना वर्क वीजा लेने के लिये न्यूजीलैण्ड इमीग्रेशन विभाग में आवेदन किया तो इमीग्रेशन विभाग ने कहा कि आपके पुराने आवेदन प्रपत्रों में और अब के प्रपत्रों में अन्तर है तथा आपके बैंक एकाउन्ट स्टेटमेन्ट में भी छेड़छाड़ की गई है। न्यूजीलैण्ड इमीग्रेशन विभाग ने उनकी पुत्री से कहा कि आप अपने इण्डिया के ट्रेवल एजेन्ट से हमारी बात कराओ। तब प्रार्थिनी की पुत्री ने पहले वीजे के आवेदन पत्र व वर्तमान वीजे के आवेदन पत्र व बैंक एकाउन्ट स्टेटमेन्ट के प्रपत्रों को देखकर बताया कि अंशुल ट्रैवल के प्रबन्धक पंकज अधिकारी ने मेरे प्रपत्रों के साथ छेड़छाड़ की है।
जसपाल कौर ने बताया कि इमीग्रेशन विभाग ने उनकी पुत्री से कहा कि आप अपने अशुंल ट्रेवल्स के प्रबन्धक पंकज अधिकारी का लाईसेन्स नम्बर लेकर हमे बताओ क्योंकि आपके पहले आवेदन में एजेन्ट का लाईसेन्स नम्बर नहीं है। आप हमें अपने दोनों ट्रेवल्स एजेन्टों के नम्बर दीजिये। जब उनकी पुत्री ने सिमरनजीत सिंह व पंकज अधिकारी को फोन करके कहा कि इमीग्रेशन विभाग न्यूजीलैण्ड को आपके लाईसेन्स नम्बर की जरूरत है, जिस पर पंकज अधिकारी ने कहा कि हमारे पास कोई लाइसेन्स नम्बर नहीं है। तथा यही बात यूनिवर्सल ओवरसीज ट्रैवल के एजेन्ट सिमरनजीत सिंह ने कहा कि मेरे पास भी कोई लाईसेन्स नम्बर नहीं है।
जसपाल कौर ने कहा कि उक्त दोनों एजेंटों ने उसकी पुत्री के फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर उससे 8 लाख रुपये हड़प लिये और उसकी पुत्री का भविष्य अंधकार मय कर दिया। दोनों लोगों के छल कपट एवं धोखाधड़ी के कारण उनकी पुत्री आज भी विदेश में अकेली है और वहां फंसी हुई है तथा उसकी पुत्री के साथ विदेश में कोई घटना घटित हो सकती है। उसने दोनों एजेंटों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सिमरनजीत सिंह व पंकज अधिकारी के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसएसआई सतीश कुमार शर्मा के सुपुर्द की है।